नई दिल्ली : पाकिस्तान को नया प्रधानमंत्री मिल गया है। विपक्षी नेता राजा रियाज ने बताया कि सीनेटर अनवर-उल-हक काकर (Anwar-ul-Haq Kakar) को कार्यवाहक प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया है। बीते दिनों शहबाज शरीफ (shehbaz sharif) ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अनवर उल हक ब्लूचिस्तान (Baluchistan) के रहने वाले हैं। वे 13 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
दरअसल, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बुधवार रात नेशनल असेंबली को भंग करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद अल्वी ने इस्तीफा देने वाले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नेशनल एसेंबली में विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज को कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने का निर्देश दिया था। इसके लिए राष्ट्रपति ने 12 अगस्त तक का समय दिया था।
पीएम शहबाज और रियाज दोनों को लिखे एक पत्र में राष्ट्रपति ने कहा था कि अनुच्छेद 224A के तहत उन्हें नेशनल असेंबली के विघटन के तीन दिनों के भीतर अंतरिम प्रधान मंत्री के लिए एक नाम प्रस्तावित करना है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम पर सहमति के लिए इस्लामाबाद में दो दौर की बैठक चली। जिसमें प्रधानमंत्री पद के लिए सादिक संजरानी, जलील जिलानी और अन्य सहित कई उम्मीदवार सामने आए थे। हालांकि अनवर उल हक के नाम पर सबकी सहमति बनी है। रियाज ने कहा कि हमने तय किया कि अंतरिम प्रधानमंत्री एक छोटे प्रांत से होगा।
पाकिस्तान के संविधान के अनुसार, यदि प्रधान मंत्री और एनए विपक्षी नेता तीन दिनों के भीतर नाम पर सहमत होने में विफल रहते हैं, तो कार्यवाहक प्रधान मंत्री की नियुक्ति के लिए मामला संसदीय समिति के पास जाता है। कानून के अनुसार, प्रधानमंत्री और विपक्षी नेता प्रतिष्ठित पद के लिए अपनी-अपनी प्राथमिकताएं संसदीय प्रतिनिधिमंडल को भेजेंगे। इसके बाद संसदीय समिति को तीन दिन के भीतर कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम फाइनल करना होगा।
हालांकि, अगर समिति भी नाम पर आम सहमति तक पहुंचने में विफल रहती है, तो पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) विपक्ष और सरकार द्वारा प्रस्तावित नामों में से दो दिनों के भीतर कार्यवाहक प्रधान मंत्री का चयन करेगा। अनवर उल हक काकर मार्च 2018 से पाकिस्तान की सीनेट के सदस्य रहे हैं। काकर 2018 के पाकिस्तानी सीनेट चुनाव में बलूचिस्तान से सामान्य सीट पर एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पाकिस्तान की सीनेट के लिए चुने गए थे। उन्होंने 12 मार्च 2018 को सीनेटर के रूप में शपथ ली। अपने पिछले करियर में, उन्होंने एक नई राजनीतिक पार्टी बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) की सह-स्थापना की।