नई दिल्ली: खुफिया एजेंसियों के हवाले से मिली एक खबर से खालिस्तानी अलगाववादियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के नापाक गठजोड़ा पर एक बड़ा खुलासा हुआ है. बताया गया है कि कनाडा में 25 सितबर को खलिस्तानियों की तरफ से किये जाने वाले प्रदर्शनों को सफल बनाने के लिए आईएसआई उनकी मदद कर रही है. कनाडा के ओटावा समेत दूसरे शहरों में स्थित भारतीय कॉन्सुलेट्स के सामने खलिस्तानियों के प्रदर्शनों में आईएसआई ने कनाडा में रह रहे पाकिस्तानियों को शामिल होने के लिए कहा है. आईएसआई ने अपने फरमान में पाकिस्तानियों से पहचान को छिपाकर खालिस्तानियों की भीड़ में शामिल होने को कहा है.
आईएसआई चाहता है कि खलिस्तानियों की मदद के लिए पाकिस्तानी नागरिक अपनी पहचान छिपा कर प्रदर्शनों में शामिल हों, जिससे किसी को पाकिस्तानियों के इस भीड़ में शामिल होने का शक न हो. इसके साथ ही कनाडा में आईएसआई के एजेंट खलिस्तानियों की मदद के किये भारत के खिलाफ भड़काऊ पोस्टर और बैनर तैयार करने में भी खलिस्तानियों की मदद कर रहे हैं. भारतीय हाई कमीशन और कॉन्सुलेट्स तक खलिस्तानियों को लाने और वापस भेजने के लिए बसों का इंतजाम भी आईएसआई कर रही है. कनाडा और भारत के खराब होते संबंध का पूरा फायदा उठाने की साजिश में आईएसआई शामिल हो गई है.
गौरतलब है कि अपने घरेलू राजनीतिक अस्तित्व के लिए एक खालिस्तानी कट्टरपंथी की अनसुलझी हत्या के लिए भारत को कटघरे में खड़ा करने की कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की कोशिशें अब उनके लिए ही गले की फांस बनती दिखाई दे रही है. कनाडा में भारत से भागने वाले चरमपंथियों को लंबे समय से पनाह मिलती रही है. अब कनाडा के पीएम ट्रूडो ने इस मामले पर अपना बड़ा नुकसान होता देख न्यूयॉर्क में कहा है कि भारत एक ऐसा देश है, जिसका महत्व तेजी से दुनिया में बढ़ रहा है. उन्होंने दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने पर जोर दिया. कनाडा के अधिकारियों ने कहा कि पीएम ट्रूडो ने न्यूयॉर्क में केन्या, चिली, इटली, जर्मनी और यूरोपीय संघ के नेताओं से मुलाकात की और उन्हें अन्य मामलों के अलावा भारत के साथ ताजा विवाद के बारे में जानकारी दी.