इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ कल (गुरुवार) रात राष्ट्रपति से नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश करेंगे. यह बात सांसदों के सम्मान में आयोजित एक भव्य भोज में कही गई. इस समारोह में सभी पार्टियों के नेता मौजूद रहे. शरीफ ने उनसे देश के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा की.
पाकिस्तान के प्रमुख मौजूदा अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने इस बारे में नेताओं की राय मांगी. कार्यवाहक पी.एम. के साथ वहीं कार्यवाहक कैबिनेट की व्यवस्था को लेकर भी उनकी राय मांगी गई.
उन्होंने कहा कि वह 9 अगस्त को औपचारिक रूप से राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली को भंग करने की सलाह देंगे. संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति को उस लिखित प्रस्ताव पर 48 घंटे के अंदर ‘विघटित’ करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करना होता है. हालाँकि, यदि राष्ट्रपति किसी कारणवश हस्ताक्षर नहीं करता है, तो “विधानसभा” स्वतः ही भंग हो जाती है।
इसके साथ ही शरीफ ने यह भी आश्वासन दिया कि वह विपक्ष से बातचीत के बाद ही कार्यवाहक पीएम का नाम राष्ट्रपति के सामने पेश करेंगे. हालांकि पर्यवेक्षकों का कहना है कि शरीफ खुद कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे और मौजूदा कैबिनेट भी कार्यवाहक कैबिनेट के तौर पर काम करेगी.
बैठक में आईएमएफ के साथ उनकी बातचीत की सफलता पर भी ध्यान आकर्षित किया गया और कहा गया कि देश की प्रगति के लिए आर्थिक स्थिरता महत्वपूर्ण है।