इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने हाल ही में माना था कि पाकिस्तान ने 1999 में भारत के साथ समझौता तोड़ा। अब पाकिस्तान ने माना है कि उसके कब्जे वाला कश्मीर (POK), जिसे वह आजाद जम्मू कश्मीर (AJK) कहता है वह एक विदेशी जमीन है। यह भारत के लिए अच्छी खबर है कि पाकिस्तान यह मान चुका है कि पीओके उसका हिस्सा नहीं है। पाकिस्तान के कई लोगों को इस घटना से हैरानी हुई है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक सरकारी वकील ने चौंकाने वाला दावा किया, जिसमें कहा गया कि पीओके एक विदेशी क्षेत्र हैं। POK से कवि और पत्रकार अहमद फरहद शाह के दो सप्ताह से गायब होने को लेकर सुनवाई चल रही थी। बाद में पता चला कि वह पुलिस कस्टडी में हैं।
कोर्ट में दिए गए बयान के शब्दों पर ध्यान देना चाहिए। पाकिस्तान ने यह नहीं कहा है कि पीओके या कश्मीर एक स्वतंत्र देश हैं। बल्कि उसने कहा है कि पीओके एक विदेशी क्षेत्र यानी Foreign Territory है। इसका मतलब वह यह भी मानता है कि कश्मीर स्वतंत्र नहीं बल्कि किसी और देश का हिस्सा है। परोक्ष रूप से ही सही, लेकिन पाकिस्तान यह मानता दिख रहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उसने इसके एक इलाके पर जबरन कब्जा किया हुआ है। पाकिस्तान में अब इसे लेकर लोगों में बौखलाहट साफ दिख रही है।
पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर हाईकोर्ट में सरकार के इस बयान को लेकर भड़के हुए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान AJK को बहुत नकारात्मक परिप्रेक्ष्य में पेश कर रहा है। उन्होंने इस्लामाबाद से एक कवि का अपहरण कर लिया। उनमें अपहरण को स्वीकार करने का नैतिक साहस नहीं है और अब उन्होंने AJK में उसकी गिरफ्तारी दिखाई है और इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एजेके को एक विदेशी क्षेत्र बताया है। इसका मतलब है कि उनके पास एजेके में कब्जा करने वाली सेना का अधिकार है, लेकिन पाकिस्तानी अदालतों का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है।’
एक वीडियो में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानी सरकार ने आज कोर्ट में माना है कि एजेके एक विदेशी जमीन है। फिर ये बताएं कि वहां पर रेंजर्स क्यों जाते हैं और जब एजेके का पीएम कहता है कि मैंने रेंजर्स को नहीं बुलाया तो वो किसकी इजाजत से गए। इसे एक विदेशी क्षेत्र कहकर पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को एक नई दिशा दे दी है।’
पीओके भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान ने इसकी जमीन पर कब्जा किया हुआ है, जिसे वह आजाद कश्मीर कहता है। शुक्रवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में फेडरल प्रोसीक्यूटर जनरल ने अदालत को बताया कि अहमद फरहाद 2 जून तक आजाद कश्मीर में रिमांड पर हैं। उसे इस्लामाबाद की अदालत में पेश नहीं किया जा सकता, क्योंकि एजेके एक विदेशी क्षेत्र है। वकील की इस दलील पर कोर्ट भी हैरान हो गया। जज ने पूछा कि अगर एजेके एक विदेशी क्षेत्र है तो फिर पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी रेंजर्स पाकिस्तान से वहां कैसे चले गए। पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद बवाल मचा है। एक यूजर ने लिखा, ‘बड़ा दुर्भाग्य है। ये अब खुलेआम भारत को सपोर्ट कर रहे हैं।’