पाकिस्तान के प्रसिद्ध इन्फ्लुएंसर शायन अली ने त्यागा इस्लाम, हिन्दू धर्म में लौटकर बोले, घर तो घर ही होता है..
पाकिस्तान: पाकिस्तान के प्रसिद्ध इन्फ्लुएंसर शायन अली ने लोगों को चौंकाते हुए इस्लाम का त्याग करते हुए सनातन धर्म अपना लिया है। इन्फ्लुएंसर शायन अली ने ट्वीट करते हुए इस्लाम छोड़ने और सनातन धर्म कबूलने की घोषणा की है। उन्होंने एक फोटो भी ट्वीट किया है, जिसमें उनके माथे पर चंदन का टीका लगा हुआ देखा जा सकता है। शायन अली ने तस्वीर ट्वीट की है, उसमें उनके माथे पर चंदन के अलावा बैकग्राउंड में तिरंगे को भी देखा जा रहा है और उन्होंने अपनी हाथों में जलती मोमबत्ती को थाम रखा है। शायन अली ने फोटो के साथ ट्वीट में लिखा है, कि आज उनकी ‘घर वापसी’ हो रही है।
शायन अली बने सनातनी
शायन अली ने इस्लाम त्यागने के बाद अपने ट्वीट में लिखा है, कि “पिछले 2 वर्षों से अपने पूर्वजों की संस्कृति और जीवन शैली को देखने के बाद, आज मैं आधिकारिक तौर पर “घर वापसी” की घोषणा कर रहा हूं।”
मैं इसके लिए ISKCON को धन्यवाद देता हूं।
उन्होंने आगे लिखा है, कि “पाकिस्तानी एजेंसियों की प्रताड़ना के कारण 2019 में मुझे पाकिस्तान छोड़ना पड़ा, जिसके बाद मैं डिप्रेशन में चला गया था और मैं जिंदगी से हार मानने लगा था, लेकिन फिर “कृष्ण” ने मेरा हाथ थाम लिया, और अब अपने पूर्वजों को गौरवान्वित करने का समय आ गया है।” शायन अली ने आगे लिखा है, कि “मैं बहुत जल्द अपनी मातृभूमि, भारत का दौरा करूंगा, जहां मेरे दादा-दादी और मेरे सभी पूर्वज पैदा हुए थे, और खुद को अपनी “मिट्टी” और “लोगों” में विलीन कर दूंगा, क्योंकि अंत में… घर तो घर ही होता है।”
शायन अली ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है, कि “एक सनातनी होने के नाते मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं, कि मैं किसी भी अन्य धर्म के प्रति घृणा का भागी नहीं बनूंगा। मैं आपकी मान्यताओं का सम्मान करता हूं, और मैं चाहता हूं कि आप मेरी आस्था का सम्मान करें, क्योंकि मेरी गीता मुझे हर व्यक्ति का सम्मान करना सिखाती है, चाहे उसका धर्म कोई भी हो!”
इस खास दिन पर, मैं उन सभी से भी माफी मांगना चाहता हूं, जिन्हें मैंने अपने पूरे जीवन में जानबूझकर या अनजाने में चोट पहुंचाई है, क्योंकि मैं लोगों को चोट पहुंचाकर, अपने जीवन की इस खूबसूरत यात्रा की शुरुआत नहीं करना चाहता। “आज, मुझे अपनी जड़ों में वापस आने पर खुद पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है, और मुझे उम्मीद है कि मेरे पूर्वज भी ऐसा ही महसूस कर रहे होंगे।”