इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) ने मंगलवार (29 अगस्त) को तोशाखाना मामले में PTI अध्यक्ष और पूर्व पीएम इमरान खान की दोषसिद्धि और तीन साल की सजा को निलंबित कर दिया। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की खंडपीठ ने सोमवार को दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने आरक्षित फैसला आज यानी मंगलवार को सुबह 11:00 बजे घोषित किया। इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने 5 अगस्त को 70 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष को दोषी ठहराया और तीन साल जेल की सजा सुनाई था।
बता दें कि, क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को 2018-2022 के कार्यकाल के दौरान उनके और उनके परिवार द्वारा अर्जित राज्य उपहारों को अवैध रूप से बेचने के आरोप में सजा सुनाई गई थी। उन्हें आगामी चुनाव लड़ने से रोकते हुए पांच साल के लिए राजनीति से भी प्रतिबंधित कर दिया गया था। इससे पहले सोमवार को हाई कोर्ट ने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में अपनी सजा को चुनौती देने वाली खान की याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू की थी। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के बीमारी के कारण उपस्थित नहीं होने के बाद शुक्रवार को मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई थी।
इमरान खान के वकील लतीफ खोसा ने गुरुवार को अपनी दलील पूरी की थी और कहा कि फैसला जल्दबाजी में और कमियों से भरा हुआ था। उन्होंने अदालत से सजा को रद्द करने का आग्रह किया था, लेकिन बचाव दल ने अपनी दलीलें पूरी करने के लिए और समय की मांग की थी। बता दें कि, लाहौर स्थित अपने घर से गिरफ्तारी के बाद खान फिलहाल अटक जेल में हैं, हालाँकि अब उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
इमरान खान के खिलाफ क्या हैं आरोप :-
मामले में आरोप लगाया गया है कि इमरान खान ने 2018 से 2022 तक प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान तोशाखाना – एक भंडार जहां विदेशी अधिकारियों द्वारा सरकारी अधिकारियों को सौंपे गए उपहार रखे जाते हैं – से अपने पास रखे गए उपहारों का विवरण “जानबूझकर छुपाया” था और उनकी बिक्री से आय प्राप्त की थी. तोशखाना नियमों के अनुसार, जिन व्यक्तियों पर ये नियम लागू होते हैं, उन्हें प्राप्त उपहार/उपहार और अन्य ऐसी सामग्री कैबिनेट डिवीजन को सूचित करना होता है। रिपोर्टों के अनुसार, खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्व नेताओं से 140 मिलियन रुपये से अधिक के 58 उपहार मिले और उन्होंने, उन सभी को या तो नगण्य राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के भी अपने पास रखा है।