नई दिल्ली : साल 2023 की यह आखिरी अमावस्या (new moon)है।मार्गशीर्ष अमावस,भौमवती अमावस। भौमवती (Bhaumvati)अमावस्या के दिन बजरंगबली (Bajrangbali)की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं और आपको पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। गंडमूल प्रात11.57 मिनट से। 12 दिसंबर, मंगलवार, 21,मार्गशीर्ष (सौर) शक संवत् 1945, 27, मार्गशीर्ष मास प्रविष्टे (पंजाब पंचांग) 2080, 27, जमादिउलावल सन् 1445, मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या (विक्रमी संवत्) रात्रि 05.02 मिनट (सूर्योदय पूर्व) तक। शूल योग, चतुष्पद करण, चंद्रमा वृश्चिक राशि में (दिन-रात)।
सूर्र्य दक्षिणायन। सूर्य दक्षिण गोल। हेमंत ऋतु। अपराह्न 03 बजे से सायं 04.30 मिनट तक राहुकालम्।
विष्णु पुराण में बताया गया है कि मंगलवार की अमावस्या का व्रत करने से आपको हनुमानजी ही नहीं बल्कि सूर्य, अग्नि, इंद्र, रूद्र, अष्टवसु, पितर, अश्विनी कुमार और ऋषियों का भी आशीर्वाद मिलता है। आप अपना कर्ज उतारने में सफल होते हैं। कर्ज से मुक्ति पाने के लिए इस दिन ऋणमोचक मंगल का पाठ करने से आपको विशेष लाभ होगा।
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त 04:34 ए एम से 05:27 ए एम
प्रातः सन्ध्या 05:01 ए एम से 06:20 ए एम
अभिजित मुहूर्त 11:23 ए एम से 12:06 पी एम
विजय मुहूर्त 01:32 पी एम से 02:15 पी एम
गोधूलि मुहूर्त 05:06 पी एम से 05:32 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 05:08 पी एम से 06:27 पी एम
अमृत काल 02:36 ए एम, दिसम्बर 13 से 04:09 ए एम, दिसम्बर 13
निशिता मुहूर्त 11:18 पी एम से 12:11 ए एम, दिसम्बर 13
अशुभ समय
राहुकाल 02:26 पी एम से 03:47 पी एम
यमगण्ड 09:02 ए एम से 10:23 ए एम
आडल योग 06:20 ए एम से 11:57 ए एम
दुर्मुहूर्त 08:30 ए एम से 09:13 ए एम
गुलिक काल 11:44 ए एम से 01:05 पी एम
10:25 पी एम से 11:18 पी एम
वर्ज्य 05:21 पी एम से 06:53 पी एम
विंछुड़ो पूरे दिन
गण्ड मूल 11:57 ए एम से 06:21 ए एम, दिसम्बर 13
बाण रोग – 05:48 पी एम से पूर्ण रात्रि तक