Parenting Tips: घर में जब भी कोई नन्हा मेहमान आता है तो दादी या छोटी बहन या बड़े-बुजुर्ग उसकी सेहत के लिए सलाह देने लगते हैं. भारत में आज भी छोटे बच्चे की देखभाल के लिए पुराने नुस्खे आजमाए जाते हैं। इन उपायों में 6 महीने से पहले नवजात को पानी न पिलाने का उपाय भी शामिल है।
जानकारी के अभाव में या सदियों पुराने नियमों पर भरोसा करने के कारण लोग छठे महीने से नवजात को पानी पिलाने की गलती कर बैठते हैं। ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि नवजात शिशु को 6 महीने से पहले पानी पिलाना चाहिए या नहीं।
क्या आपको नहीं लगता कि ये सही भी है? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि जन्म के 6 महीने बाद नवजात को पानी पिलाना चाहिए या नहीं। 6 माह तक के नवजात शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ भी नहीं देना चाहिए। यदि नवजात शिशुओं को पानी दिया जाता है, तो इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का खतरा होता है। ऐसी स्थिति में शरीर का तापमान कम हो जाता है।
WHO ने भी कहा है कि नवजात को पहले 6 महीने सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं। क्योंकि इसमें पानी अधिक होता है। पोषण की शुरुआत भी मां के दूध से होती है। डॉक्टर भी पानी के साथ फॉर्मूला दूध न देने की सलाह देते हैं।
पानी देने का सही समय
अगर आप बच्चे को पानी पिलाना चाहती हैं तो सही समय का इंतजार करें। जब बच्चा ठोस आहार लेने लगे तो उसे पानी पिलाना अच्छा होता है।