नई दिल्ली : भारत के नीरज चोपड़ा लगातार दो ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले एथलीट बनने से चूक गए हैं. टोक्यो चैंपियन ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीता. एथलेटिक्स जगत में हलचल मचा देने वाले परिणाम में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर थ्रो के नए ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता. नीरज का दूसरा थ्रो ही उनका एकमात्र वैध थ्रो रहा जिसमें उन्होंने 89.45 मीटर फेंका, इसके अलावा उनके पांचों प्रयास फाउल रहे. वहीं नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए दूसरा थ्रो ही 92.97 मीटर का लगाया. उन्होंने छठा और आखिरी थ्रो 91.79 मीटर का लगाया. अरशद नदीम ने ओलंपिक स्वर्ण पदक के लिए पाकिस्तान के 40 साल लंबे इंतजार को खत्म कर दिया. 1992 बार्सीलोना ओलंपिक के बाद यह पहला ओलंपिक पदक है. अरशद नदीम के प्रदर्शन से सभी हैरान थे. ओलंपिक के इतिहास में पहली बार, कोई यूरोपीय पोडियम पर नहीं खड़ा था. पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल में एशियाई 1-2 से आगे थे. ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स तीसरे स्थान पर रहे. अरशद नदीम के प्रदर्शन की तारीफ की और कहा कि उसने बेहतर प्रदर्शन किया.
आजतक से बातचीत करते हुए नीरज चोपड़ा ने कहा, ‘जिसने जितनी मेहनत की है, उसे वो मिलेगा ही. अरशद नदीम काफी रिस्पेक्ट करता है और हमारा फर्ज बनता है कि कोई हमसे अच्छे से बात करे तो हमें भी अच्छे से ही बात करनी चाहिए. अशरद ने जो थ्रो की है,वो काफी अच्छी थी और सही जगह पर वो निकली है, जहां पर जरूरत थी. आज का वो दिन था जो थ्रो मैंने सोचा था वो निकलना चाहिए था, क्योंकि ये समय चार साल बाद आता है. आज मुझे लग रहा था कि शायद वो होगा, लेकिन आज शायद अपना दिन नहीं था. अरशद के साथ पहले भी काफी कंपटीशन हुए हैं आज फाइनली जाकर ऐसा हुआ है कि अरशद ने अच्छी थ्रो लगाई. आज उनका दिन था, उनको मौका मिली जश्न मनाने का. आगे फिर कंपटीशन में ऐसे ही खेलते रहेंगे. जेवलिन एक ऐसा गेम है जिसमें कई देश हिस्सा लेते हैं. हो सकता है कि आगे कोई तीसरा कंट्री का एथलीट बाजी मार ले जाए.’