CEC, EC की नियुक्तियों और सेवा शर्तों से संबंधित विधेयक को संसद की मंजूरी

0 120

नई दिल्ली: संसद ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों एवं उनकी सेवा शर्तों को विनियमित करने से संबधित एक विधेयक को गुरुवार को मंजूरी दी। लोकसभा ने ‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (Appointment, Conditions of Service and Term of Office) विधेयक, 2023′ को आज ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। राज्य सभा इसे 12 दिसम्बर को पारित कर चुकी है।

निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष के इन आरोपों का खंडन किया कि यह विधेयक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों से संबंधित उच्चतम न्यायालय के एक फैसले को दरकिनार करने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक जो हम लाए हैं वह उच्चतम न्यायालय के खिलाफ नहीं है। इसे उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार लाया गया है। यह अनुच्छेद 324(2) के तहत सूचीबद्ध प्रावधानों के अनुसार है।

यह संविधान के अनुच्छेद 50 के तहत सूचीबद्ध शक्तियों के पृथक्करण का भी अनुसरण करता है। मेघवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने गत मार्च में फैसला सुनाया था कि सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर संसद द्वारा कानून बनाए जाने तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय समिति इनका चयन करेगी।

मेघवाल ने ‘सर्च कमेटी’ में प्रधानमंत्री को शामिल किये जाने को लेकर एक सदस्य की टिप्पणी पर कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति कार्यपालिका का मामला है और ऐसे में प्रधानमंत्री का न होना उचित नहीं होगा। उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मस्लिमीन के असदुद्दीन ओवैसी के उस आरोप का खंडन किया जिसमें ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान निर्माता बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर का सम्मान नहीं करते।

यही भारत का अनमोल समय है

कानून मंत्री ने कहा कि आंबेडकर का सम्मान प्रधानमंत्री मोदी जितना करते हैं, उतना आज तक किसी अन्य प्रधानमंत्री ने नहीं किया। उन्होंने अपनी इस टिप्पणी के समर्थन में मोदी सरकार द्वारा आंबेडकर से संबंधित महत्वपूर्ण स्थलों के निर्माण एवं सौंदर्यीकरण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है।

सर्च कमेटी की अध्यक्षता अब कानून मंत्री करेंगे

मेघवाल ने कहा कि 1991 में एक कानून बना, लेकिन उसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति का उल्लेख नहीं था। उन्होंने आगे कहा कि विधेयक में एक सरकारी संशोधन के तहत ‘सर्च कमेटी’ की अध्यक्षता अब कैबिनेट सचिव की जगह कानून मंत्री करेंगे, जिसमें दो सचिव सदस्य होंगे।

संरक्षण से संबंधित एक नया प्रावधान

कानून मंत्री ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के खिलाफ अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए की गई कार्रवाई के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू करने से संरक्षण से संबंधित एक नया प्रावधान भी संशोधनों के माध्यम से इसमें जोड़ा गया है। मंत्री के मुताबिक विधेयक में सीईसी और निर्वाचन आयुक्तों को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के समान वेतन मिलने का प्रावधान है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.