Parliament Live Updates : मनरेगा के बजट में कटौती को लेकर बोली सोनिया गांधी……
Parliament Live Updates : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) के बजट में कटौती की गई है। जिसके कारण मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोनिया गांधी ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाया।
लोकसभा में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि, कुछ साल पहले कई लोगों ने महात्मा गांधी (मनरेगा) का मजाक उड़ाया था। उसी मनरेगा ने कोरोना और लॉकडाउन में करोड़ों प्रभावित गरीबों को ठीक समय पर मदद करते हुए सरकार की बचाव में सकारात्मक भूमिका निभाई। फिर भी मनरेगा के लिए आवंटित बजट में लगातार कटौती की जा रही है। इस साल मनरेगा का बजट साल 2020 की तुलना में 35% कम है जबकि बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है। बजट में कटौती से कामगारों के भुगतान में देरी होती है जिससे सुप्रीम कोर्ट ने बंधुआ मजदूरी मना है।
शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं मनरेगा के लिए उचित आवंटन हो, काम के 15 दिनों के भीतर कामगारों को मजूदरी का भुगतान हो तथा भुगतान में देरी पर मुआवजे भी दिया जाए।’’
सरकार ने ख़ारिज किए सारे आरोप….
सरकार ने उनके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मनरेगा के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन हुआ है, जबकि पूर्व की सरकार के समय न सिर्फ आवंटन कम था, बल्कि ‘भ्रष्टाचार’ भी होता था। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘संप्रग के समय आवंटित बजट खर्च नहीं होता था। लेकिन मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया। इनके (कांग्रेस) समय सिर्फ भ्रष्टाचार होता था।’’ ठाकुर ने कहा, ‘‘ये लोग मंत्री की ओर से जवाब देने का विरोध कर रह है। यह दिखाता है कि विपक्ष सिर्फ राजनीति करता है।’’
बाद में पीठासीन सभापति रमा देवी ने व्यवस्था देते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने शून्यकाल में जो विषय उठाये हैं, सरकार उसका उत्तर देना चाहे, तो दे सकती है। इसके बाद ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘‘वह (सोनिया) देश की एक वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने सदन में जो विषय रखा है वो पूर्ण रूप से तथ्यों से परे है। साल 2013-14 में (संप्रग सरकार के समय) मनरेगा का 33 हजार करोड़ रुपये का बजट था, जो आज एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है।’’
Also Read :-MCD Bill : दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने का बिल हुआ पारित
रिपोर्ट – तान्या अग्रवाल