संसद सुरक्षा चूक मामलाः 1929 की ब्रिटिश शासन की घटना दोहराना चाहते थे दो आरोपी

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नई दिल्ली (New Delhi)। संसद की सुरक्षा चूक मामले (Parliament security breach case) में पुलिस ने बड़ा खुलासा (Police made a big revelation) किया है. पुलिस ने कहा कि लोकसभा की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के दो आरोपी (two accused) 1929 के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन (British rule in India) के समय क्रांतिकारी भगत सिंह (Revolutionary Bhagat Singh) द्वारा ‘सेंट्रल असेंबली’ के अंदर बम फेंके जाने जैसी घटना को दोहराना चाहते थे. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से एक पर्चा बरामद किया गया, जिसमें लिखा था, ‘प्रधानमंत्री लापता हैं और जो भी उन्हें ढूंढे़गा उसे स्विस बैंक से पैसा मिलेगा।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपियों के जूते विशेष रूप से डिजाइन किए गए थे और धुएं के ‘केन’ को छिपाने के लिए जगह बनाई गई थी. अधिकारी ने कहा कि इन ‘केन‘ को सागर शर्मा ने लखनऊ से खरीदा था. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी. इसने कहा कि उन्होंने तिरंगे भी खरीदे थे. सूत्रों ने बताया कि आरोपियों के पास से कुछ और पर्चे बरामद किए गए, जिनमें युवाओं को सरकार के खिलाफ भड़काने वाले संदेश थे।

एक सूत्र ने कहा, ‘ऐसे ही एक पर्चे पर लिखा था ‘देश के लिए जो नहीं खौला वो खून नहीं पानी है.’ आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की. हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया. लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ आदि नारे लगाए।

वहीं, संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के मुख्य आरोपी ललित झा को बृहस्पतिवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ललित झा एक व्यक्ति के साथ राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पुलिस थाने पहुंचा, जहां उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया. इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘ललित झा कर्तव्य पथ थाने आया जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया जो घटना की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार, संसद की सुरक्षा में सेंध लगाना योजनाबद्ध तरीके से किया गया कृत्य था और इसे छह लोगों द्वारा अंजाम दिया गया, जिनमें से सभी अब पुलिस हिरासत में हैं. संसद पर 2001 में किए गए आतंकी हमले की बरसी के दिन बुधवार को, सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया. इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया।

सदन में कूदने वाले दोनों व्यक्तियों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी. के रूप में हुई है. संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द की निवासी नीलम (42) और लातूर (महाराष्ट्र) के निवासी अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है. ये चारों आरोपी संसद पहुंचने से पहले अपने सहयोगी विशाल के घर पर ठहरे थे। पुलिस ने विशाल को भी गुरुगाम से हिरासत में लिया था।

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