लखनऊ: एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों का जलवा रहा है और यूपी की बेटियों ने एशियन गेम्स में नई ऊंचाई छुईं. जिन बेटियों के खेलने पर कभी ऐतराज जताया जाता था वहीं आज पूरा प्रदेश को उन बेटियों पर नाज कर रहा है.
एशियन गेम्स में दो पदक जीतने वाली पारुल चौधरी ने कहा कि रजत पदक लाकर मैं बहुत खुश थी, लेकिन उत्साह अगले दिन दौड़ में गोल्ड लाने के लिए था. मैंने ठान लिया था रुकना नहीं है मुझे रातभर नींद नहीं आई थी और अगले दिन सुबह पांच बजे नींद आई. अगले दिन जब मैं दौड़ रही थी तो अंतिम क्षण में मेरे दिमाग में बस यही था कि पारुल आज तेरे पास चांस है. अगर चूक गई तो डीएसपी बनने का सपना पूरा नहीं होगा. मैंने अपनी पूरी जान लगा दी और गोल्ड मेडल जीत लिया.
पारुल ने आगे कहा कि अगला लक्ष्य ओलंपिक में जीत हासिल करने का होगा. उन्होंने कहा कि यूपी की जो खेल नीति बनाई गई है, वह अच्छी है अब योगी बाबा डीएसपी बना देंगे. उन्होंने कहा कि देश के लिए मेडल हासिल करने के लिए देशवासियों और परिवार की दुआओं के लिए धन्यवाद.
वहीं अन्नू एशियाड में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं. अन्नू ने कहा कि 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब एशियाई खेलों में महिलाओं के भाला फेंक में किसी भारतीय महिला ने गोल्ड जीता है. काफी दिक्कत थी लेकिन अब खुशी है जो सोचा वह पूरा किया.
वहीं कांस्य पदक विजेता किरण बलियान ने कहा कि पता नहीं था मुझे कि मैंने रिकॉर्ड तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि शुरुआत में उन्होंने इसे बहुत हल्के में लिया था लेकिन यह मेरे परिवार का सपना था जिसे मैंने पूरा किया.
ऐश्वर्या मिश्रा जिन्होंने एशियन गेम्स में 4×400 मीटर की दौड़ में सिल्वर मेडल जीतकर अपने परिवार के साथ-साथ पूरे देश का नाम रौशन किया है. न्यूज 18 से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे पापा ने मुझे एथलीट बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया, जो अब रंग लाया है.