दिवाली की पूजा में रखें इन बातों का विशेष ध्यान, वरना फलित नहीं होगी पूजा, और माता लक्ष्मी हो सकती हैं रुष्ट
नई दिल्ली: खुशियों का त्योहार यानी रोशनी का त्योहार दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। सनातन धर्म में दिवाली सबसे खास पर्व है। दीपावली का इंतजार हर किसी को बेसब्री से होता है। मान्यताओं के अनुसार, दीपावली का दिन बहुत शुभ होता है। इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है। लोग विधि-विधान से इनकी पूजा-आराधना करते है। दिवाली पर नियमानुसार पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा दृष्टि सदा अपने भक्तों के ऊपर बनाए रखती है। घर में सुख-समृद्धि आती है, धन-दौलत की कमी नहीं होती है। हालांकि, ये तभी संभव है, जब आप दिवाली पूजा के समय कुछ गलतियां करने से बचें। लोग जानकारी के अभाव में दीपावली पूजा के दौरान छोटी-मोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उन्हें पूजा का उचित फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में आइए जानें दिवाली पूजा के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
ज्योतिषियों के अनुसार, दिवाली के दिन पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसे में पूजा स्थल और घर की साफ-सफाई करना बहुत जरूरी है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी उसी घर में प्रवेश करती हैं, जहां साफ-सफाई हो। ऐसे में पूजा के दिन घर और पूजा स्थल जरूर साफ हो। दीवाली पर घर में बंदनवार लगाना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। घर के मुख्य द्वार पर बंदनवार लगाने से सुंदरता बढ़ जाता है परंतु इसे लगाते समय यह ध्यान रखें कि इसमें सूखे पत्ते या फिर फूल न हों। मुख्य द्वार पर ताजे फूल लगाएं। इससे घर में पॉजिटिविटी आती है और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा घर के सदस्यों पर बनती है।
पूजा स्थल पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की मूर्ति का मुख पूर्व दिशा में हो और पूजा करने वाला अपना पीठ उत्तर की तरफ करके बैठे। पूजा में चांदी के सिक्के, कमल का फूल आदि जरूर रखें। इससे घर में खुशियां, सुख-समृद्धि, सौभाग्य आता है। कहते है इस दिन कुछ भी ऐसा ना बनाएं जिससे मां लक्ष्मी नाराज हों। खानपान का भी खास ध्यान रखना चाहिए। भूलकर भी दीपावली के दिन मांस-मछली, शराब आदि का सेवन ना करें। घर की सजावट में भूलकर भी नुकीली चीजें इस्तेमाल न करें। यह चीजें घर का वास्तु खराब करती हैं और नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव बना रहता है। इसके अलावा इससे राहु का भी अशुभ प्रभाव पड़ता है क्योंकि शीशे का संबंध राहु से माना जाता है इसलिए ध्यान रखें कि घर की साज-सजावट में नुकीली और शीशे से संबंधित चीजों का इस्तेमाल न करें।
इसके अलावा, आप दिवाली की रात पूजा के समय भूलकर भी फटे-पुराने कपड़े ना पहने। यदि आप ऐसा करते हैं तो तुरंत बदल दें। दरअसल, फटे हुए कपड़े दरिद्रता की निशानी माने गए हैं। पुराने, फटे हुए कपड़ों को पहनना अशुभ होता है। पूजा के समय रंगों का भी ध्यान रखें, इस रात काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। दिवाली के दिन कोशिश करें कि अपने घर में ही रहें। पूजा करने के बाद कहीं भी ताला लगाकर बाहर ना जाएं। पूजा के समय पूरे घर को रोशनी, दीपक से जगमग कर दें। किसी भी कोने में अंधेरा ना रहे। घर की सारी खिड़कियों, दरवाजों को खोलकर रखें ताकि लक्ष्मी जी का प्रवेश हो सके। घर बंद करके थोड़ी देर के लिए रिश्तेदारों या पड़ोसियों के यहां दिवाली की बधाई देने के लिए जाना भी हो तो घर में लाइट्स जलते रहने दें, अंधेरा ना करें। रात में भी लाइट बंद न करें।
ज्योतिषियों का मानना है कि दिवाली में पूजा करते समय ना तो जोर से ताली बजाएं और ना ही ऊंची आवाज में आरती गाएं। मान्यता है कि लक्ष्मी मां को अधिक शोर-शराबा पसंद नहीं है। इससे वे रुष्ट हो सकती हैं। विष्णु जी के बिना लक्ष्मी मां की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में उनकी पूजा अकेले ना करें। पूजा करने के बाद पूजा स्थल को खाली या अंधेरा करके ना छोड़ें। यहां रात भर दीपक जलता रहे, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में दीपक में तेल, घी का इस्तेमाल करें। कोशिश करें कि पूजा के लिए दीपक थोड़े बड़े हों।