लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में भाजपा नीत सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण लोगों का त्योहार फीका नजर आ रहा है। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने अखिलेश पर पलटवार करते हुए कहा कि अब जब सनातन संस्कृति का परचम पूरी दुनिया में लहरा रहा है और होली की उमंग चौतरफा व्याप्त है, तब सपा के प्रमुख अखिलेश यादव को इसका रंग और उल्लास फीका दिख रहा है। सपा मुख्यालय की ओर से जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है, भाजपा सरकार महंगाई रोकने में पूरी तरह से विफल है और महंगाई चरम पर है जिसके परिणामस्वरूप महंगाई के कारण लोगों का त्योहार फीका नजर आ रहा है।
मनरेगा मजूदरों को महीनों से नहीं मिला काम
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि होली के मौके पर पारंपरिक व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाली चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं और मनरेगा मजदूरों को महीनों से काम न मिलने से पैसा नहीं मिला है, बिना पैसे मजदूर अपनी होली कैसे मना पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि कई सरकारी विभागों में भी यही हालात हैं और कर्मचारियों के वेतन रुके हुए हैं, गरीब की कहीं भी सुनवाई नहीं है। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार को आम जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है। ये त्योहार में भी नफरत की राजनीति कर रहे हैं। समाज में नफरत और आज अराजकता फैलाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए नए-नए मुद्दों को उछाल कर जनता को उलझाना चाहती है, लेकिन प्रदेश की जनता भाजपा के षड्यंत्रकारी मंसूबों से वाकिफ है और जनता 2027 में उत्तर प्रदेश में इन्हें सत्ता से हटाकर इनकी नफरत की राजनीति का खात्मा कर देगी।
हार से हताश हैं अखिलेश यादव- बीजेपी
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘हमारे विपक्षी दल के जो मित्र हैं उनको हार की हताशा में सनातन संस्कृति के महा उत्सव महाकुंभ की विश्वव्यापी प्रसिद्धि भी रास नहीं आयी और अब उमंग, उल्लास के पर्व होली पर भी नकारात्मक भाव दिखा रहे हैं। अब जब सनातन संस्कृति का परचम पूरी दुनिया में लहरा रहा है और होली की उमंग चौतरफा व्याप्त है तब सपा मुखिया अखिलेश यादव को इसका रंग और उल्लास फीका दिख रहा है तो कहीं न कहीं यह उनके अंदर की उदासी है, जो शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त हो रही है।