भारत में मान्यताएं काफी है, चाहे वो किसी काम का हो या न हो. भारत के साथ साथ दुनिया भर में कई तरह की मान्यताये मानी जाती है कुछ हमे पता होती है और कुछ नहीं होती. आज हम एक और ऐसी ही परम्परा के बारे में बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद ही दर्दनाक है. थोड़े से भी दर्द से हम कराह जाते हैं लेकिन क्या हो जब आपके ऊपर गाय या बैल दौड लगा दे. आप सोच रहे होंगे हम क्या बात कर रहे हैं. लेकिन हम आपको मध्य प्रदेश की की मान्यता के बारे में बता रहे हैं जिसे आप शायद ही जानते होंगे.
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के कुछ गावों में एक अजीब सी परम्परा निभाई जाती है. इसमें लोग जमीन पर लेट जाते हैं और उनके ऊपर से दौड़ती हुए गाये गुजारी जाती हैं. इस दिन उज्जैन जिले के Bhidawad और आस पास के गाँव के लोग पहले अपनी गायों को रंगों और मेहंदी से अलग-अलग पैटर्न से सजाते हैं. उसके बाद लोग अपने गले में माला डालकर रास्ते में लेट जाते है और अंत में दौड़ती हुए गायें उन पर से गुजर जाती हैं. ये देखना काफी दर्दभरा होता है क्योकि जो ये देखता है वो सह नहीं सकता और लोग ऐसी मान्यता को बेझिझक निभाते हैं.
आपको बता दे, ये एकादशी पर्व, छह दिवसीय पर्व है जो कि दीवाली के पहले एकादशी से शुरू होता है और एकादशी से दीवाली तक, पांच दिन गाँव वाले व्रत रखते है. ऐसा करने से लोगों की मनोकामना पूरी होती है. इसी पर जो ये काम कर चुके हैं वो ये कहते हैं कि ऐसा करने से उनकी मनोकामना पूरी हुई है और इस पर्व में आज तक कोई दुर्घटना नहीं हुई है.