इंफाल: मणिपुर में बिगड़ते हालात के बीच स्थानीय भाजपा नेता भी अपनी सरकार पर सवाल उठाने लगे हैं। मणिपुर की भाजपा इकाई ने आरोप लगाया है कि हमारी अपनी ही सरकार हालात पर काबू पाने में असमर्थ रही। इसको लेकर पार्टी इकाई की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि लोगों में बहुत ज्यादा असंतोष है और प्रशासन के खिलाफ कभी भी गुस्सा भड़क सकता है। नड्डा को भेजे इस पत्र पर प्रदेश भाजपा मुखिया ए सारदा देवी समेत आठ शीर्ष पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।
बहुत ज्यादा बढ़ चुका है गुस्सा
इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई है। बता दें कि बीते दिनों इंफाल ईस्ट में भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इसके अलावा इंफाल वेस्ट में एक भाजपा विधायक के घर पर भी हमला बोला गया था। यह पत्र इन्हीं घटनाओं के बाद आया है। पत्र में लिखा है कि लोगों का गुस्सा और विरोध अब बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। हालात से निपटने में सरकार की नाकामी ही इस लंबे समय से चली आ रही अशांति का एकमात्र दोष है। पत्र में आगे लिखा गया है कि हम जानते हैं कि हमारी सरकार भी दिन-रात बिना रुके काम कर रही है ताकि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।
अनुच्छेद 355 निरस्त करने का आग्रह
भाजपा नेताओं के अनुसार, लोगों को अपनी डेली लाइफ में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते भी यह समस्या और ज्यादा बढ़ती जा रही है। उन्होंने नड्डा से अनुच्छेद 355 को निरस्त करने और राज्य सरकार में विश्वास वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री को एकीकृत कमान की बहाली के लिए जोर देने का आग्रह किया। गौरतलब है कि अनुच्छेद 355 के तहत, अशांति के बीच केंद्र सुरक्षा के कई पहलुओं पर कार्रवाई करता है। नेताओं ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात को सामान्य करने और गड़बड़ी करने वालों को गिरफ्तार करने की जरूरत पर जोर दिया। 60,000 विस्थापित लोगों के तत्काल पुनर्वास और खोए हुए घरों के लिए मुआवजे का आह्वान करते हुए, नेताओं ने सरकार के वादे के मुताबिक नड्डा से घायलों और मृतकों के लिए समर्थन का अनुरोध भी किया है।