पेरिया डबल मर्डर केस: CBI कोर्ट आज सुनाएगी सजा, CPM के पूर्व विधायक समेत 14 लोग दोषी करार

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कासरगोड : केरल में कासरगोड के पेरिया में दो युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में जहां बीते शनिवार 28 दिसंबर को CBI की एक अदालत ने CPI(एम) के पूर्व विधायक समेत 14 आरोपियों को दोषी ठहराया था। 10 आरोपियों को मामले में बरी कर दिया गया। वहीं अदालत आज यानी 3 जनवरी को सजा सुनाएगी। जानकारी दें कि, केरल के कासरगोड जिले के पेरिया में पांच वर्ष पहले युवा कांग्रेस के दो कार्यकर्ताओं कृपेश और सरत लाल की हत्या के मामले में बीते शनिवार को यहां केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक अदालत ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (MCP) के पूर्व विधायक समेत 14 आरोपियों को दोषी ठहराया था। जिसमें एक दोषी फैसला सुनने के बाद रो पड़ा था। आरोपी सुरेंद्रन उर्फ ​​विष्णु सूरा ने जज से तब कहा था कि उसे मौत की सजा दे दी जाए, वो यातना से थक चुका है।

दरअसल सुरेंद्रन ने यह भावुक दलील तब की, जब जज ने दोषियों से पूछा था कि क्या उन्हें फैसले के बारे में कुछ कहना है। तब उसने जज से कहा था कि, “मैं मौत की सजा चाहता हूं। मैं बहुत यातना सह चुका हूं। प्लीज मुझे अपना जीवन समाप्त करने दें।” वहीं अदालत ने 24 आरोपियों में से पहले आठ आरोपियों को हत्या और साजिश के आरोपों में दोषी ठहराया जबकि अन्य छह आरोपियों को साजिश, सबूत नष्ट करने और अपराध को अंजाम देने में सहायता प्रदान करने का दोषी पाया गया। सुरेंद्रन मुख्य दोषी और सीपीएम नेता पीतांबरन का साथी है और उस पर निगरानी और साजिश रचने का आरोप है। शेष 10 आरोपियों को हालांकि मामले में बरी कर दिया गया था। अदालत आज यानी तीन जनवरी को सजा सुनाएगी।

जानकारी दें कि, यह मामला बीते 17 फरवरी, 2019 को कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा युवा कांग्रेस कार्यकर्ता कृपेश (19) और सरत लाल पी के (24) की हत्या से संबंधित है। दोषी पाए गए आरोपियों में माकपा के पूर्व विधायक व जिला नेता केवी कुन्हीरामन, कान्हानगढ़ ब्लॉक पंचायत अध्यक्ष के मणिकंदन, माकपा की पेरिया स्थानीय समिति के सदस्य ए. पीतांबरन और पक्कम के पूर्व स्थानीय सचिव राघवन वेलुथोली शामिल हैं।

मामले पर अभियोजन पक्ष के अनुसार, इलाके में माकपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक रूप से प्रेरित हमलों और जवाबी हमलों के बाद दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया। CBI ने इस मामले में माकपा के छह कार्यकर्ताओं सहित 24 लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और गैरकानूनी तरीके से सभा जैसे विभिन्न आरोपों के तहत आरोप पत्र दायर किया था। केंद्रीय एजेंसी ने केरल हाई कोर्ट के निर्देश पर 23 अक्टूबर, 2019 को केरल पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली थी। राज्य पुलिस की अपराध शाखा ने 20 मई 2019 को 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था लेकिन कृपेश और सरत के माता-पिता ने पुलिस के निष्कर्षों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आरोप पत्र को रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

इस मामले पर मृतक सरत के पिता सत्यनारायणन ने फैसले पर संतोष व्यक्त किया था। उन्होंने हालांकि कहा कि जब तक सभी आरोपियों को न्याय के कठघरे में नहीं लाया जाता, तब तक कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा था , “दस आरोपियों को बरी कर दिया गया और हम अभियोजक से परामर्श करने के बाद कानूनी कार्रवाई करेंगे।”

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