इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की हालत बेहद नाजुक है और वह इस समय अस्पताल में बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. यह जानकारी उनके परिवार वालों ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबर फैलने के बाद दी. शाम करीब 5.15 बजे सोशल मीडिया में अफवाह फैल गई कि उनका निधन हो गया है. तरह-तरह के ट्वीट आने लगे.
परवेज मुशर्रफ के परिजनों की ओर से जानकारी देते हुए कहा गया है कि वह वेंटिलेटर पर नहीं हैं. उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण वे पिछले 3 सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हैं. वह बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और उनके ठीक होने की संभावना बहुत कम है. उसके अधिकांश अंग अब काम नहीं कर रहे हैं. मैं आप सभी से उनके ठीक होने की प्रार्थना करने का अनुरोध करता हूं.
वह 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे. इसके अलावा वे देश के सेना प्रमुख भी रहे. मुशर्रफ को भारत के साथ कारगिल युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. उस समय परवेज मुशर्रफ को लगा था कि कारगिल में घुसपैठ कर पाकिस्तान को भारत पर रणनीतिक बढ़त मिल जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया.
इसके विपरीत, सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को युद्ध में अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इस फैसले के बाद भी वह भारत की छवि खराब करने की कोशिश करते रहे. आपको बता दें कि परवेज मुशर्रफ छह साल पहले इलाज के लिए दुबई गए थे और उसके बाद कभी अपने देश पाकिस्तान नहीं लौटे. मुशर्रफ को हमेशा इस बात का डर रहता था कि अगर वह अपने देश लौट आए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
मुशर्रफ 1999 में सत्ता में तख़्ता पलटकर पाकिस्तान के 10वें राष्ट्रपति बने. इसके बाद महाभियोग की कार्यवाही से बचने के लिए उन्होंने वर्ष 2008 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. 2007 में, नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की सरकार ने परवेज मुशर्रफ के खिलाफ एक असंवैधानिक आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मुकदमा दायर किया. इस मामले पर 17 दिसंबर 2019 को सुनवाई करते हुए पाकिस्तान की कोर्ट की स्पेशल बेंच ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी.