वाराणसी: मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार काशी की जनता का हेल्थ, वेल्थ और बहुमूल्य समय तीनों बचा रही है। वाराणसी में सड़कों के जाल ने आम आदमी का सफर आसान कर दिया है। आधे पैसे और आधे समय में वे अपनी नियत स्थान तक पहुंच जा रहे हैं, जबकि रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के पहले इतनी ही दूरी तय करने में दोगुना समय और दोगुना ईंधन लग जाता था। इसके अलावा 4 पार्किंग भी ईंधन बचाने में सहायक साबित हो रही है। इसका सकारात्मक असर पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है।
वाराणसी स्मार्ट सिटी की रिपोर्ट
वाराणसी के विकास ने आम नागरिक के जीवन को सरल कर दिया है। रिंग रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से सफर सुहाना लगने लगा है। वाराणसी स्मार्ट सिटी ने कई विभागों से समन्यव करके एक सर्वे के आधार पर डेटा जुटाया है, जिसमें पाया गया कि बाबतपुर एयरपोर्ट से अतुलानंद स्कूल की दूरी 18 किलोमीटर थी, जिसे तय करने में पहले 3 लीटर फ्यूल (डीजल) और 60 मिनट लगता था। अब 6 लेन सड़क बनने के बाद उसी दूरी को तय करने में आधा समय और आधा ईंधन लगता है।
कम हुई दूरियां, बचने लगा ईंधन
इसी प्रकार हरहुआ से चिरईगॉव की दूरी 20 किलोमीटर, समय 1 घंटा ईंधन 3.5 लीटर लगता था। अब वही दूरी आधे समय यानी 30 मिनट में और आधे से भी कम 1.5 लीटर ईंधन में दूरी तय की जा रही है। वहीं शहर से राजातालाब 35 किलोमीटर और 75 मिनट में तय होता था। इसमें 5 लीटर ईंधन लगता था। अब शहर से राजातालाब वाया रिंग रोड की दूरी लगभग आधी यानी 17 किलोमीटर हो गई है। जो 2 लीटर ईंधन में पूरी हो रही है।
वाहनों के जहरीले धुएं में आयी कमी
शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाको में बने दो पहिया और 4 पहिया वाहनों के लिए चार आधुनिक पार्किंग भी लोगों की ट्रैवलिंग टाइम और ईंधन बचा रहे हैं। इसके अलावा गाड़ियों से निकलने वाले जहरीले धुएं से भी लोग बच रहे हैं। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिल रही है। आने वाले समय में रिंग रोड व राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और रोप वे के बन जाने से आम और ख़ास की सेहत के साथ पॉकेट पर भार तो कम होगा ही, समय भी बचेगा।