5 साल में कबाड़ हो जाएंगे फोन-लैपटॉप! जानें सरकार ने क्यों उठाया ये कदम?

0 166

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पहले तो ई-वेस्ट या फिर कह लीजिए इलेक्ट्रानिक कचरे से निपटने के लिए नए नियम तैयार किए और अब सरकार ने भारत में बिकने वाले इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज की औसत आयु तय की है. औसत आयु तय करने का क्या है मतलब और औसत आयु तय करने से क्या होगा, आइए आपको इस बात की जानकारी देते हैं.

सरकार द्वारा इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज की औसत आयु तय किए जाने का साफ मतलब यह है कि निर्धारित आयु के बाद इन अप्लायंसेज को ई-वेस्ट मान जाएगा. ये औसत आयु अप्लायंसेज तैयार करने वाली कंपनियों के लिए होगी और इस आधार पर कंपनियों को ई-वेस्ट नष्ट करने का टारगेट दिया जाएगा. सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है ताकि ई-वेस्ट को नष्ट किया जा सके.

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 134 इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स की औसत आयु को तय किया है. आइए आपको बताते हैं कि किस प्रोडक्ट कि आखिर कितनी आयु है, फोन और लैपटॉप की औसत आयु पांच साल तो वहीं फ्रिज की औसत उम्र 10 साल, पंखे की 10 साल, वाशिंग मशीन की 9 साल, टैबलेट- आइपैड की पांच साल, रेडियो सेट की आठ साल, इलेक्ट्रिकल ट्रेन व रेसिंग कार (खिलौना) की औसत उम्र केवल 2 साल होगी.

ई-वेस्ट देश के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है, इसी को देखते हुए 1 अप्रैल से नए नियमों को लागू किया गया है, ई-वेस्ट पैदा करने वाले कंपनियों को ही इसे नष्ट करने की जवाबदेही होगी. कंपनियों को किसी भी ऑथोराइज्ड री-साइक्लर से ई-वेस्ट रीसाइक्लिंग सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा. सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद ही सरकार द्वारा कंपनियों को नए प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चर करने की अनुमति दी जाएगी.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.