साबरकांठा/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को साबरकांठा के गढ़ोदा चौकी में साबर डेयरी का दौरा किया और एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं से स्थानीय किसानों और दुग्ध उत्पादकों को सशक्त बनाया जाएगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। इससे क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
गुजरात दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने आज साबर डेयरी का दौरा किया और लगभग 120 मिलियन टन प्रति दिन (एमटीपीडी) की क्षमता वाले पाउडर प्लांट का उद्घाटन किया। पूरी परियोजना की कुल लागत 300 करोड़ रुपये से अधिक है। संयंत्र का लेआउट वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानकों को पूरा करता है। लगभग शून्य उत्सर्जन वाले इस संयंत्र में ऊर्जा की काफी कम खपत होती है। यह संयंत्र नवीनतम और पूरी तरह से स्वचालित बल्क पैकिंग लाइन से सुसज्जित है।
प्रधानमंत्री ने साबर डेयरी में एसेप्टिक मिल्क पैकेजिंग प्लांट का भी उद्घाटन किया। यह 3 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला अत्याधुनिक संयंत्र है। इस परियोजना को लगभग 125 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ तैयार किया गया है। संयंत्र में ऊर्जा की काफी कम खपत होती है और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी के साथ नवीनतम स्वचालन प्रणाली काम कर रही है। इस परियोजना से दुग्ध उत्पादकों को बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने साबर चीज एंड व्हे ड्रायिंग प्लांट परियोजना की आधारशिला भी रखी। परियोजना का अनुमानित परिव्यय लगभग 600 करोड़ रुपये है। इस संयंत्र में चेडर चीज (20 एमटीपीडी), मोजेरेला चीज (10 एमटीपीडी) और प्रोसेस्ड चीज (16 एमटीपीडी) का उत्पादन किया जाएगा। पनीर के निर्माण के दौरान उत्पन्न मट्ठे को भी 40 एमटीपीडी की क्षमता वाले व्हे ड्रायिंग प्लांट में सुखाया जाएगा।
साबर डेयरी गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) का एक हिस्सा है, जो अमूल ब्रांड के तहत दूध और दूध उत्पादों की एक पूरी श्रृंखला बनाती है और उसका विपणन करती है।