नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में 2.43 लाख से अधिक युवाओं की भर्ती की है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दमन में आयोजित गृह मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में यह जानकारी दी गई। समिति के सदस्यों को यह भी बताया गया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान सीएपीएफ में 54 बटालियनें गठित की गई हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि 2024 से सीएपीएफ के लिए कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी। पिछले एक वर्ष के दौरान रोजगार मेले के तहत लगभग 98,676 उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया है और लगभग 54,000 कर्मियों को सीएपीएफ में पदोन्नत किया गया है। सीएपीएफ की भर्ती में एनसीसी प्रमाणपत्र धारकों को बोनस अंक प्रदान किए जाते हैं। पिछले तीन वर्षों के दौरान 3,560 एनसीसी प्रमाणपत्र धारकों ने इस योजना का लाभ उठाया है। बैठक के दौरान सीएपीएफ कर्मियों के कल्याण के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों पर भी चर्चा की गई। इसमें भारत के वीर, आयुष्मान सीएपीएफ, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना और राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वालों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि में वृद्धि शामिल है। इसके अलावा सीएपीएफ में अग्निवीर को शामिल करने के लिए भर्ती नियमों में प्रावधान और पात्रता मानदंडों में छूट पर भी चर्चा की गई।
इससे पहले सामने आया था कि केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘सीएपीएफ’ के तहत आने वाले असम राइफल, बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एनएसजी और एसएसबी के जवानों को अब लोहे के संदूक से निजात मिलेगी। इन जवानों को अब पांच साल की वारंटी वाला मॉडर्न सूटकेस विद् ट्रॉली, मुहैया कराया जाएगा। खास बात है कि जवानों को लोहे के ट्रंक के बदले जो स्मार्ट सूटकेस मिलेगा, उसे कई तरह के परीक्षणों से गुजरना होगा। हालांकि अर्धसैनिक बलों के लिए इस सूटकेस को खरीदने का प्रपोजल लंबे समय से चल रहा था। इस दिशा में कई तरह के टेस्ट, जैसे सरफेस हार्डनेस टेस्ट, हैंडल जर्क टेस्ट और स्टेंडिंग पुल हैंडल जर्क टेस्ट आदि हो चुके हैं। अब बहुत जल्द सीएपीएफ जवान, स्मार्ट सूटकेस संग नजर आएंगे।