चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका दौरे से लौटने के साथ तमिलनाडु में 6 अप्रैल को भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर रामेश्वरम में बने ऐतिहासिक नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया। यह चमात्कारिक पुल रेल नेटवर्क को और मजबूत बनाने के लिए तैयार किया गया है। भाजपा के स्थापना दिवस पर इस पुल की शुरुआत की गई है।
खास बात ये है कि यह पुल रामेश्वरम द्वीप को देश की मुख्य भूमि से जोड़ता है। यह पुराने बने 110 साल पुराने पंबन ब्रिज की जगह पर बनाया गया है जिसे 2022 में बंद कर दिया गया था। नया ब्रिज आधुनिक तकनीक से तैयार किया गया है। इसमें इंजीनियरिंग के साथ-साथ सांस्कृतिक महत्व भी जुड़ा हुआ है। उद्घाटन से पहले इसका सफल परीक्षण किया गया था।
550 करोड़ की लागत से किया गया तैयार
तमिलनाडु में 550 करोड़ रुपये की लागत से इस पुल का निर्माण किया गया है। नए पुल में पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग लगाई गई है जिससे इसमें समुद्र के पानी के कारण जंग भी नहीं लगेगी। यह पुल की सुरक्षा और लंबी अवधि तक चलने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह पुल रामेश्वरम को देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। फिलहाल यह पुल 100 सालों से अधिक समय तक के लिए सुरक्षित है।
रामेश्वरम-ताम्बराम नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी
इस पुल की शुरुआत के साथ पीएम मोदी ने रामेश्वरम-ताम्बाराम नई रेल सेवा को हरी झंडी दिखा दिया है। इस वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का पुराना सांस्कृतिक महत्व भी है। रामायण के मुताबिक राम सेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था और नए पंबन पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड की ओर से किया गया है जो रेलवे मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का हिस्सा है। इस नए पंबन पुल पर 100 सालों तक 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा।