PM मोदी दिल्ली के लिए रवाना, जानें कैसे रही भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की पहली गुयाना यात्रा

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गुयाना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद, गुयाना से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। वहीं रवाना होने से पहले आज PM मोदी ने भारतीयों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री बीते बुधवार को यहां गुयाना पहुंचे थे, जो 50 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस देश की पहली यात्रा रही।

जानकारी दें कि, PM मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत नाइजीरिया के दौरे से की थी। वहीं ब्राजील में उन्होंने 19वें जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था। वहीं अपने दौरे के तीसरे और आखिरी चरण में, प्रधानमंत्री ने गुयाना की राजकीय यात्रा की। गुयाना में प्रधानमंत्री ने दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता भी की। आज वाना होने से पहले PM मोदी ने भारतीयों को संबोधित किया और कहा कि, यहां और भारत की संस्कृति, खान-पान और क्रिकेट भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ते हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इंडो-गुयाना समुदाय और कैरेबियाई राष्ट्र के विकास में उनके योगदान की सराहना की।

उन्होंने इसके साथ ही इंडो-गुयाना समुदाय की भावना को सलाम करते हुए कहा कि, आपने आजादी और लोकतंत्र के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। आपने गुयाना को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने के लिए सतत काम किया है। एक छोटी सी शुरुआत से आप शीर्ष तक पहुंचे हैं। प्रवासी भारतीयों को राष्ट्रदूत कहते हुए मोदी ने कहा कि, आप सहीं मायनों में भारतीय संस्कृति और मूल्यों के राजदूत हैं।

इसके पहले बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत कभी भी ‘‘विस्तारवादी मानसिकता” के साथ आगे नहीं बढ़ा है और दूसरों के संसाधनों को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहा है। गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब चीन के विस्तारवादी व्यवहार तथा क्षेत्रीय विवादों से उत्पन्न संघर्षों को लेकर दुनिया में चिंता बढ़ रही है।

वहीं भू-राजनीतिक तनावों का जिक्र करते हुए PM मोदी ने कहा कि यह संघर्ष पैदा करने वाले स्थितियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने का समय है। इसके साथ ही वैश्विक कल्याण के लिए ‘लोकतंत्र प्रथम, मानवता प्रथम’ का मंत्र देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष और समुद्र सार्वभौमिक संघर्ष का नहीं, बल्कि ‘‘सार्वभौमिक सहयोग” के विषय होने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के आगे बढ़ने के लिए सबसे बड़ा मंत्र है ‘लोकतंत्र प्रथम, मानवता प्रथम’। लोकतंत्र की भावना सबसे पहले हमें सबको साथ लेकर चलना और सबके विकास में भाग लेना सिखाती है। ‘मानवता प्रथम’ हमारे निर्णय लेने का मार्गदर्शन करती है। जब हम ‘मानवता प्रथम’ की भावना रखते हैं तो हमारे निर्णय लेने का आधार, परिणाम भी वही होते हैं जो मानवता को लाभान्वित करते हैं।”

इसके साथ ही PM मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि यह ‘‘ग्लोबल साउथ के जागरण का समय है”, और इसके सदस्यों के एक नयी वैश्विक व्यवस्था बनाने के लिए एक साथ आने का समय है। प्रधानमंत्री ने डेढ़ सदी से अधिक पुराने सांस्कृतिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत-गुयाना के ‘मिट्टी’ के संबंध सौहार्दपूर्ण हैं।PM मोदी ने इसके साथ ही कहा कि ‘लोकतंत्र प्रथम, मानवता प्रथम’ की भावना के साथ भारत ‘विश्व बंधु’ के रूप में भी अपना कर्तव्य निभा रहा है और संकट के समय में सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाता रहा है।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुयाना के प्रमुख क्रिकेट खिलाड़ियों से एक खास मुलाकात की। PM नरेंद्र मोदी ने इस बाबत ‘X’ पर फोटो शेयर की और लिखा कि,” गुयाना के प्रमुख क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ एक सुखद बातचीत। इस खेल ने हमारे देशों को करीब लाया है और हमारे सांस्कृतिक संबंधों को गहरा किया है। ” इससे पहले बीते गुरुवार को उन्होंने वेस्टइंडीज की प्रमुख क्रिकेट हस्तियों से भी मुलाकात की थी।

जानकारी दें कि, प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना के ऐतिहासिक प्रोमेनेड गार्डन में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की थी तथा गांधीजी के शांति और अहिंसा के शाश्वत सिद्धांतों को याद भी किया था।

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