रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज से मिले पीएम मोदी, चुनावी दौरे के बीच हुई भेंट

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लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज से मुलाकात की है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों के बीच यह मुलाकात रविवार को मैसूर के महाराजा कॉलेज ग्राउंड में हुई। न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस भेंट की तस्वीरें जारी की हैं। इनमें योगीरीज कुछ लोगों के साथ मोदी को नमस्कार करते नजर आ रहे हैं और पीएम भी उनका अभिवादन स्वीकार करते हैं। मालूम हो कि नरेंद्र मोदी रविवार को कर्नाटक पहुंचे थे। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने मंगलुरु में एक विशाल रोड शो किया और रास्ते के दोनों ओर खड़ी उत्साही जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।

पीएम मोदी ने विशेष रूप से डिजाइन किए गए वाहन पर खड़े होकर सड़कों के किनारे और आसपास की इमारतों पर एकत्र लोगों का अभिवादन किया। कई लोगों को जोरदार नारों और ढोल की आवाज के बीच ‘मोदी-मोदी’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते देखा गया। कई स्थानों पर उत्सव जैसा माहौल नजर आया। भाजपा के गढ़ दक्षिण कन्नड़ जिले में नारायण गुरु सर्कल से नव भारत सर्कल तक मोदी के काफिले पर हजारों लोगों ने फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं। कुछ जगहों पर, मोदी ने भी वाहन के बोनट पर पड़ी फूलों की पंखुड़ियों को भीड़ की ओर फेंककर उनका अभिवादन किया। कर्नाटक में 2 चरणों में मतदान होगा। राज्य के दक्षिणी हिस्सों के 14 लोकसभा क्षेत्रों में 26 अप्रैल को चुनाव होगा, वहीं उत्तरी जिलों के लिए दूसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा।

मैसूर के रहने वाले हैं अरुण योगीराज
मालूम हो कि मूर्तिकार अरुण योगीराज मैसूर के रहने वाले हैं। उनकी ओर से तराशी गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को तीन अरब साल पुरानी चट्टान से बनाया गया है। नीले रंग की कृष्ण शिला की खुदाई मैसूरु के एचडी कोटे तालुका में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी। यह एक महीन से मध्यम दाने वाली आसमानी-नीली मेटामॉर्फिक चट्टान है, जिसे आम तौर पर इसकी चिकनी सतह की बनावट के कारण सोपस्टोन कहा जाता है। यह मूर्तियां बनाने के लिए आदर्श मानी जाती है। यह कृष्ण शिला रामदास की कृषि भूमि को समतल करते वक्त मिली थी। पत्थर की गुणवत्ता का आकलन करने वाले एक स्थानीय ठेकेदार ने अपने संपर्कों के माध्यम से अयोध्या में मंदिर के ट्रस्टियों का ध्यान आकर्षित किया। योगीराज ने इससे पहले आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची मूर्ति बनाई थी, जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है। उन्होंने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी बनाई है, जिसे दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित किया गया है।

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