PM मोदी ने की राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों से की मुलाकात, टीचरों के जुनून और समर्पण की तारीफ की
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं से शुक्रवार को अपने निवास पर मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस बातचीत का एक पूरा वीडियो भी शेयर किया है। इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों की भूमिका को भारत के भविष्य को आकार देने में अहम बताया। ‘एक्स’ पर वीडियो पोस्ट के दौरान पीएम मोदी ने कैप्शन दिया, “राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित उत्कृष्ट शिक्षकों से मिलकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। युवाओं को आकार देने के प्रति उनका जुनून और समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक है।” इस दौरान प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से कहा कि वे अपने पाठों में स्थानीय लोक कथाओं को शामिल करें और इसे विभिन्न भाषाओं में सिखाएं, ताकि छात्र कई भाषाएं सीख सकें और हमारी समृद्ध संस्कृति का अनुभव कर सकें। उन्होंने कहा, “स्थानीय लोककथाओं को अलग-अलग भाषाओं में पढ़ाएं ताकि छात्रों को हमारी सांस्कृतिक विविधता का एहसास हो।”
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने सुझाव दिया कि शिक्षक छात्रों को भारत की विविधता को समझने के लिए शैक्षिक यात्राओं का आयोजन करें। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से न केवल शिक्षा में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। पीएम ने पुरस्कार विजेता शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने टीचिंग के तौर-तरीकों शेयर करने की अपील भी की ताकि अन्य साथी शिक्षक भी इन अनुभवों का लाभ उठा सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों के समर्पण की सराहना की और राष्ट्र निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें बधाई दी।
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है देश की विकास यात्रा में शिक्षक का बहुत अहम योगदान होता है। लेकिन मुझे लगता है कि वाहवाही की जरूरत नहीं है। हम उस विद्यार्थी की ओर देखें कि उसके परिवार ने कितने विश्वास के साथ बच्चा हमें सुपुर्द किया है। बच्चे को सिर्फ पढ़ाने के लिए टीचर के हवाले नहीं किया जाता बल्कि उसको दी जा रही सीख को प्लस वन करने के लिए ऐसा किया जाता है। इसलिए बच्चे की जिंदगी में यह कार्य टीचर करता है।” मालूम हो कि, इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक दिवस के मौके पर 82 शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया था।