नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राज्यों को निवेशक-अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नीति आयोग को एक ‘निवेश-अनुकूल चार्टर’ तैयार करने का निर्देश दिया, जिसमें निवेश आकर्षित करने के लिए नीतियां, कार्यक्रम और प्रक्रियाएं शामिल हों।
प्रधानमंत्री ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए इन मापदंडों में उपलब्धियों पर राज्यों की निगरानी की जा सकती है। पीएम मोदी ने निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की बजाय कानून-व्यवस्था, सुशासन और बुनियादी ढांचे के महत्व को भी रेखांकित किया।
बैठक में 20 राज्यों और छह केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने नीति आयोग को बैठक के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दिए गए सुझावों का अध्ययन करने का भी निर्देश दिया, ताकि राज्यों को भविष्य में बुजुर्गों की बढ़ती आबादी के मुद्दे के समाधान के लिए जनसांख्यिकी प्रबंधन योजनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
पीएम मोदी ने राज्यों से सभी स्तरों पर सरकारी अधिकारियों के क्षमता निर्माण को कहा और उन्हें इसके लिए क्षमता निर्माण आयोग के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र के बीच सहयोग और सामूहिक प्रयासों पर भी जोर दिया।
भारतीय अर्थव्यवस्था, जो 2014 में दुनिया में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, अब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। प्रधानमंत्री ने जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए राज्य स्तर पर नदी ग्रिड के निर्माण को भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें विकसित भारत के लिए ‘शून्य गरीबी’ के लक्ष्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।