श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में बीते करीब एक सप्ताह से आतंकवादी हमलों की संख्या बढ़ गई। वैष्णो देवी के पास तीर्थयात्रियों से भरी बस पर हमला हुआ तो उसके बाद तीन और अटैक हुए थे। इन आतंकी हमलों के बाद हालात की समीक्षा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने हाईलेवल मीटिंग भी की थी। इस बीच खबर है कि 21 जून यानी योग दिवस के मौके पर वह श्रीनगर में डल झील के किनारे आयोजन में शामिल होंगे। पीएम के तौर पर अपना तीसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद नरेंद्र मोदी का यह पहला कश्मीर दौरा होगा। अब तक पीएम मोदी की विजिट की आधिकारिक सूचना नहीं है।
एक अधिकारी ने बताया, प्रधानमंत्री 20 जून को श्रीनगर आने वाले हैं ताकि 21 जून की सुबह योग दिवस कार्यक्रम में भाग ले सकें। इस कार्यक्रम में सैकड़ों प्रतिभागियों के रहने की उम्मीद है। योग दिवस की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कार्यक्रम स्थल को सैनिटाइज किया जाएगा और एसपीजी की एक टीम इस हफ्ते के आखिर में श्रीनगर पहुंचेगी। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को निर्देश दिया है कि कार्यक्रम को सुरक्षित तरीके से आयोजित किया जाए। जम्मू-कश्मीर खेल परिषद को निर्देश दिया गया है कि वे कार्यक्रम के लिए एथलीटों और खिलाड़ियों को लाएं।
सूत्रों का कहना है कि डल झील के किनारे आयोजन की तैयारियां होने लगी हैं। अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था से लेकर आयोजन के इंतजाम तक में जुटे हुए हैं। डल झील के पास ही बने इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में पीएम मोदी आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे। एक अधिकारी ने बताया, ‘पीएम नरेंद्र मोदी 20 जून की शाम को ही श्रीनगर पहुंच जाएंगे। इसके बाद वह 21 तारीख को सुबह योग दिवस के कार्यक्रम में शामिल होंगे। हमें उम्मीद है कि इसमें सैकड़ों लोग शामिल होंगे। पीएम मोदी की मौजूदगी के चलते यह हाईप्रोफाइल इवेंट है, जिसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।’
इसी सप्ताह एसपीजी की टीम श्रीनगर पहुंचेगी और इलाके की सुरक्षा व्यवस्था चेक की जाएगी। एलजी मनोज सिन्हा ने प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था चौक-चौबंद रखने का आदेश दिया है। इस आयोजन में जम्मू-कश्मीर से जुड़े कुछ बड़े खिलाड़ी और एथलीट भी शामिल हो सकते हैं। इस आयोजन के लिहाज से भाजपा भी तैयारियों में जुटी है। भाजपा के एक नेता ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि पीएम मोदी कश्मीर में योग दिवस में शामिल होंगे। बता दें कि इस साल मार्च में भी पीएम मोदी श्रीनगर गए थे, जब उन्होंने बख्शी स्टेडियम में एक रैली को संबोधित किया था।
पीएम नरेंद्र मोदी के श्रीनगर में योग दिवस मनाने के प्लान को एक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है। वह कश्मीर में आयोजन का हिस्सा बनकर यह संदेश देंगे कि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है और आतंकवादी हमलों का कोई खास असर नहीं है। दरअसल बीते कुछ दिनों में कश्मीर की बजाय जम्मू से लगते इलाकों को आतंकियों ने निशाना बनाया है। इस ट्रेंड पर संसदीय कार्य़ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि यह आतंकवादियों की बौखलाहट है क्योंकि कश्मीर में वह कोई हरकत नहीं कर पा रहे हैं।
21 जून को योग दिवस पर प्रधानमंत्री का कश्मीर दौरा काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरे के जरिए मोदी जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक संदेश देना चाह रहे हैं कि घाटी मोदी राज में सुरक्षित है। पीएम कार्यक्रम में हिस्सा लेकर ये संदेश देंगे कि कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौंबद है। वहीं आतंकियों को भी कड़ा संदेश मिलेगा कि भारत आतंकी साजिशों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। मोदी का ये दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब पिछले कुछ दिनों में जम्मू के इलाकों में कई आतंकी हमले हुए। यहां गौर करने वाली बात ये है कि आतंकी अब जम्मू के इलाकों में एक्टिव दिख रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि आतंकियों की बौखलाहट है क्योंकि वे कश्मीर में कोई हरकत नहीं कर पा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर राज्य में कई पर्यटक स्थल हैं। लेकिन आतंकी गतिविधियों के चलते जम्मू-कश्मीर का पर्यटन प्रभावित होता रहा है। अब मोदी सरकार फिर से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति बना रही है। डल झील के पास बड़े स्तर पर योग दिवस का कार्यक्रम आयोजित करना भी इसी रणनीति का हिस्सा है। पिछले साल बॉटनिकल गार्डन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था, जिसमें एलजी मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया था। इस बार खुद पीएम मोदी यहां पहुंचेंगे।
कश्मीर में बीजेपी इकाई ने भी प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा के मुहम्मद आरिफ ने कहा, ‘यह हमारे लिए एक विशेष अवसर और सम्मान की बात है कि हम कश्मीर में पीएम मोदी की मेजबानी कर रहे हैं, जो तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं।’ मोदी की आखिरी यात्रा इस साल मार्च में श्रीनगर हुई थी, जब उन्होंने बख्शी स्टेडियम में एक चुनावी रैली को संबोधित किया था, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए थे, जिनमें सरकारी कर्मचारी भी थे।