चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत लाभ देंगे। प्रधानमंत्री वर्चुअली इस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में अंबाला से हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और जींद से महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा वर्चुअली जुड़ेंगी।
इस योजना की शुरूआत प्रधानमंत्री द्वारा 29 मई 2021 को की गई थी। इसका उद्देश्य कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इन बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना और 23 वर्ष की आयु तक वित्तीय सहायता के साथ आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के लिए जिला बाल संरक्षण इकाइयों और नागरिक समाज के सदस्यों की सहायता से उपायुक्तों द्वारा बच्चों की पहचान की गई है।
इन बच्चों के उचित सत्यापन के बाद पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन पोर्टल पर विवरण अपलोड किया गया था। यह योजना वित्तीय सहायता, भोजनालय, आवास, स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य बीमा के लिए सहायता प्रदान करती है। महिला एवं बाल विकास विभाग, डाक विभाग, सामाजिक न्याय और आधिकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभागों के सहयोग से योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल विभाग है और जिला स्तर पर उपायुक्त नोडल प्राधिकारी हैं। हरियाणा राज्य में पायल और सौरभ नाम के 2 बच्चों के खाते में पहले ही 10 लाख रुपये का लाभ दिया जा चुका है। योजना के तहत राज्य के 93 बच्चों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 7.17 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता पहले ही प्रदान की जा चुकी है।
इस योजना में चिन्हित बच्चों की आयु 18 वर्ष होने पर 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। जबकि डाकघर मासिक आय योजना में 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के नाम 10 लाख रुपये की राशि जमा कराई गई है। इसके अलावा बच्चों को 18 वर्ष के बाद से 23 वर्ष की आयु तक मासिक वजीफा प्राप्त होगा। बच्चों को 23 की आयु प्राप्त करने पर 10 लाख रुपये की राशि प्राप्त होगी। एसडीआरएफ द्वारा बच्चों को पहले ही प्रति मृतक माता-पिता की दर से 50 हजार रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जा चुका है।