कीव : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप में हैं। वह 21 और 22 अगस्त को दो दिवसीय पोलैंड यात्रा पर राजधानी वारसॉ में थे। इसके बाद पीएम मोदी ट्रेन (train) से युद्धग्रस्त यूक्रेन पहुंच रहे हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता करेंगे। इसमें यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर भी चर्चा होगी।
वैश्विक नेताओं द्वारा ट्रेन के जरिए पोलैंड से यूक्रेन की यात्रा एक कूटनीति का हिस्सा मानी जाती है। इस कूटनीति को ‘आयरन डिप्लोमेसी’ का नाम दिया गया है। यूक्रेनी रेलवे के सीईओ ओलेक्सांद्र कामिशिन ने ‘आयरन डिप्लोमेसी’ शब्द गढ़ा है। आयरन डिप्लोमेसी के तहत दुनिया के नेता युद्ध और हवाई क्षेत्र बंद होने की अनदेखी करके कीव के लिए भूमि मार्ग अपनाते हैं। इसके अलावा नेता संघर्ष के मामले में, शांति पर चर्चा करने के लिए यूक्रेन को समर्थन दिखाते हैं।
24 फरवरी, 2022 को रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का आगाज हुआ था। इसके बाद पोलैंड, चेक गणराज्य और स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री 15 मार्च को यूक्रेन का दौरा करने वाले पहले पश्चिमी नेता थे। इसके बाद भी वैश्विक नेताओं ने दौरे जारी रहे। अमेरिका, फ्रांस, इटली, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे तमाम बड़े देशों के नेता ट्रेन से ही कीव पहुंचे।
पोलैंड की यात्रा खत्म कर प्रधानमंत्री तोदी ट्रेन से 10 घंटे का सफर करके यूक्रेन पहुंच रहे हैं। पीएम मोदी शुक्रवार की सुबह से करीब सात घंटे यूक्रेन की राजधानी कीव में रहेंगे। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ वार्ता करेंगे। इसमें यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर भी चर्चा होगी। गौरतलब है कि करीब तीन दशक पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी। इस दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है। अमेरिका ने प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा को अहम करार दिया है।