नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर का उद्घाटन किया, जिसका नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया गया है। उन्होंने इंडिया गेट के पीछे स्थापित सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण किया और इसे एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में वर्णित किया और कहा कि देश ने औपनिवेशिक अतीत के अवशेषों को हटा दिया है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “किंग्स वे का औपनिवेशिक नाम अब कर्तव्य पथ कर दिया गया है।” उन्होंने घोषणा की कि अगले साल गणतंत्र दिवस समारोह में सेंट्रल विस्टा परियोजना पर काम करने वाले सभी मजदूर और कार्यकर्ता उनके विशिष्ट अतिथि होंगे। उन्होंने कहा, “ब्रिटिश काल के दौरान, इंडिया गेट के पीछे स्थित छत्र के नीचे किंग जॉर्ज पंचम की एक प्रतिमा स्थापित की गई थी। अब इसे नेताजी की प्रतिमा से बदल दिया गया है।”
मोदी ने कहा, सुभाष चंद्र बोस सांसारिक सुखों से परे थे और कभी भी पदों के लिए लालायित नहीं थे। प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “उनके पास दूरदृष्टि और क्षमता थी। वह एक महान व्यक्तित्व थे। उन्हें भारत की विरासत पर गर्व था। अगर भारत स्वतंत्रता के बाद बोस के रास्ते पर चलता, तो महान ऊंचाइयों पर पहुंच जाता।”
उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता के बाद नेताजी के विचारों और अवशेषों को भी भुला दिया गया। हालांकि इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा अब पूरे देश के लिए प्रेरणा का प्रतीक होगी।” उन्होंने कहा कि नवनिर्मित कर्तव्य पथ नए भारत का एक विजन है और लोगों को राष्ट्र के लिए काम करने के लिए प्रेरित करेगा।
पुनर्निर्मित सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर में कर्तव्य पथ के दोनों किनारों पर फिर से लॉन बनाए गए हैं। इंडिया गेट से सटे लॉन में स्थित जल निकायों पर नए पॉप-अप फव्वारे लगाए गए हैं। इसके अलावा कर्तव्य पथ के दोनों ओर चार अंडरपास बनाए गए हैं जो जनसुविधाओं से युक्त हैं। साथ ही इंडिया गेट के लॉन पर पैदल चलने वालों की सुविधा के लिए जलस्रोतों पर पुलों के साथ रास्ते बनाए गए हैं।
इंडिया गेट लॉन पर सांस्कृतिक गतिविधियों के मंचन की अनुमति देने के लिए प्लाजा भी बनाए गए हैं। मंच पर मोदी के साथ शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी मौजूद थे। इस अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई अन्य कैबिनेट मंत्री भी मौजूद थे।