जयपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर से दिल्ली छावनी तक राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मैं गहलोत जी का आभार व्यक्त करता हूं । इन दिनों राजनीतिक आपाधापी में वे अनेक संकटों से गुजर रहे हैं, उसके बावजूद विकास कार्य के लिए वे समय निकाल कर आए…जो काम आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, पर नहीं हो पाया, आपका मुझ पर इतना भरोसा है कि आज वे काम भी आपने मेरे सामने रखें हैं।
मोदी ने कहा राजस्थान की धरती को आज पहली वंदे भारत ट्रेन मिल रही है। दिल्ली कैंट अजमेर वंदे भारत एक्सप्रेस से जयपुर से दिल्ली आना जाना और आसान हो जाएगा। ये राजस्थान के पर्यटन में भी बहुत सहायक होगी। बीते 2 महीनों में ये छठी वंदे भारत है जिसे हरी झंडी दिखाने का मुझे सौभाग्य मिला है। देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था जो सामान्य मानव के जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था… हालत ये थी कि रेलवे की भर्तियों में राजनीति होती थी। ग़रीब लोगों की ज़मीन छीन कर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। उन्होंने कहा वंदे भारत पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है जो मेड इन इंडिया है। वंदे भारत पहली ऐसी ट्रेन है जो इतनी कॉम्पैक्ट और कुशल है। वंदे भारत पहली स्वदेशी सुरक्षा तंत्र कवच के अनुकुल है। ये रेलवे के इतिहास की पहली ट्रेन है जिसने बिना अतिरिक्त इंजन के सह्याद्रि घाट की ऊंची चढ़ाई पूरी की है।
अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा मैं प्रधानमंत्री का स्वागत और आभार व्यक्त करता हूं कि अब वंदे भारत ट्रेन जिसका अपना महत्व है और वह अब राजस्थान में भी चलने लगी है। मेरे पास कुछ सुझाव हैं, राजस्थान की भौगोलिक स्थिति देखते हुए रेलवे का नेटवर्क अधिक से अधिक हों। प्रधानमंत्री से और हमारे रेल मंत्री अश्विनी जी से कहूंगा कि राजस्थान में अधिक से अधिक काम हो आप इस पर ध्यान दें।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने आज राजस्थान की जनता को सेकेंड जनरेशन की उन्नत वंदे भारत ट्रेन दी है। अजमेर से दिल्ली को जोड़ने वाली ये वंदे भारत राजस्थान की पहली और देश की 15वीं वंदे भारत ट्रेन है। राजस्थान में रेल कार्यों को गति देने के लिए प्रधानमंत्री ने अधिक बजट का आवंटन किया है। 2014 से पहले साल में 650 करोड़ के आसपास का बजट था, 2022-23 में इसे बढ़ाकर 9500 करोड़ राजस्थान को दिए गए हैं।