PM नरेंद्र मोदी ने काका हाथरसी, दुष्यंत कुमार की कविताओं से राहुल गांधी, विपक्ष पर साधा निशाना
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हिन्दी के लोकप्रिय हास्य कवि काका हाथरसी और कवि दुष्यंत कुमार की कविताओं की कुछ पंक्तियों के जरिये लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्ष पर निशाना साधा।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी सहित अनेक संकटपूर्ण हालात के बीच देश को जिस तरह से संभाला गया, उससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है एवं पूरे विश्व में भारत को लेकर सकारात्मकता, आशा और भरोसा है। उन्होंने कहा, ‘‘ आज पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है। आज आत्मविश्वास से भरा हुआ देश अपने सपनों और संकल्पों के साथ चलने वाला है।”
विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ लेकिन कुछ लोग हताश हैं और भारत के विकास की कहानी को स्वीकार करने से इंकार कर रहे हैं। वे 140 करोड़ लोगों के पुरूषार्थ और उपलब्धियों को नहीं देख रहे हैं।” उन्होंने काका हाथरसी की पंक्तियां पढ़ीं जिनमें कहा गया है ‘‘ आगे पीछे देखकर, क्यों होते गमगीन। जैसी जिसकी भावना, वैसा दिखे सीन।” उन्होंने राहुल गांधी के कल सदन में दिये भाषण के परोक्ष संदर्भ में कहा कि कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा इकोसिस्टम, समर्थक…उछल रहे थे और खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात!
मोदी ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए बहुत अच्छे ढंग से कहा गया है… ‘‘ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं।” विपक्ष के आरोपों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को बिना सिर-पैर की बातें करने के आदी होने के कारण यह भी याद नहीं रहता कि पहले क्या कहा था। उन्होंने कहा, ‘‘ इन जैसों के लिए कवि दुष्यंत कुमार ने बहुत अच्छी बात कही है- तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल यह है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं…।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के 2004 से 2014 तक का काल आजादी के इतिहास में सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा है और संप्रग सरकार के इन दस साल के कार्यकाल में कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर कोने में भारत के लोग असुरक्षित महसूस करते थे।