नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई भाजपा की मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में राज्यों से सुशासन के लिए मिशन मोड में काम करने को कहा गया है। दो दिन की बैठक के पहले दिन कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने प्रस्तुतीकरण भी दिए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्व सरमा शामिल रहे।
लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की मुख्यमंत्री परिषद की य़ह पहली बैठक है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने और प्रधानमंत्री बनने का रिकॉर्ड कायम करने के लिए उनका विशेष अभिनंदन किया गया। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने भाजपा के सभी मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों से सुशासन की दिशा में मिशन मोड में काम करने को कहा है।
राज्यों से कहा गया कि सरकार की निरंतरता कायम है और वह चुनाव नतीजे को लेकर हैरान न हों। समग्र आंकड़े हमारी बढ़त के हैं और कुछ सीटों के कम होने के बावजूद हम देश भर में आगे बढ़े हैं। इसलिए हताश होने की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि ज्यादा उत्साह से जनता के विश्वास पर खरा उतरना है।
लगभग तीन घंटे चली बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम सचिवालय डिजिटाइजेशन और राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर करने को लेकर अपना प्रस्तुतिकरण दिया। असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्व सरमा ने रोजगार को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया। इनके अतिरिक्त बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य में अवैध खनन को रोकने पर प्रस्तुतीकरण दिया, जबकि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने ‘द्वार पर सरकार’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में मुख्यमंत्रियों से संगठन के साथ बेहतर तालमेल व पूरे समन्वय के साथ काम करने को कहा गया है। कार्यकर्ताओं को साथ रखना और उनका सम्मान करने की बात भी कही गई है। साथ ही केंद्र राज्य की फ्लैगशिप योजनाओं को पूरी जवाबदेही से लागू करने को कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार बैठा खत्म होने के बाद पार्टी के एक शीर्ष नेता ने उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक से अलग से चर्चा की और उनसे आने वाले विधानसभा उपचुनाव में समन्वय और ताकत से जुटने को कहा गया है।