नई दिल्ली : अपने घर का सपना हर किसी का होता है लेकिन बहुत ऐसे लोग भी होते हैं जो इसे साकार नहीं कर पाते। हालांकि, ऐसे लोगों के सपने को साकार करने में नरेंद्र मोदी सरकार मदद कर सकती है। मोदी सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत घर का इंतजाम करती है। हाल ही में केंद्र सरकार के कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 को मंजूरी दी है। इसके तहत सरकार शहरी गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के घर का सपना साकार करने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी 2.0 में सरकार पांच वर्षों के दौरान शहरी क्षेत्रों में घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए 1 करोड़ शहरी गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को केंद्रीय सहायता देगी। योजना के तहत ₹2.30 लाख करोड़ की सरकारी सहायता दी जाएगी। बता दें कि योजना की शुरुआत 2015 में की गई। योजना के पहले चरण में 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं और बाकी आवास निर्माणाधीन हैं।
दूसरे चरण की योजना का फायदा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस)/निम्न आय वर्ग (एलआईजी)/मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) परिवार को मिलेगा। ये वो लोग होंगे जिनके पास देश में कहीं भी अपना कोई पक्का घर नहीं है। बता दें कि ईडब्ल्यूएस की कैटेगरी में ₹3 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार के लोग आते हैं। ₹3 लाख से ₹6 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को एलआईजी और ₹6 लाख से ₹9 लाख तक वार्षिक आय वाले परिवारों को एमआईजी के तौर पर रखा गया है।
पीएमएवाई-यू 2.0 का कार्यान्वयन कुल 4 तरीके से किया जाता है। इसमें से एक तरीका- ब्याज सब्सिडी योजना है। इसके तहत ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी परिवारों के लिए गृह ऋण पर सब्सिडी मिलती है। योजना के तहत ₹25 लाख तक का होम लोन लेने वाले लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के लिए पात्र होते हैं। बता दें कि ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए यह लागू है। पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में कुल ₹1.80 लाख की सब्सिडी जारी किए जाने का प्रस्ताव है।