जहरीली शराब कांड: NHRC ने बिहार सरकार को जारी किया नोटिस, सुशील मोदी ने लगाया मृतकों के आंकड़े छिपाने का आरोप
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शुक्रवार को बिहार सरकार को जहरीली शराब त्रासदी के कारण राज्य में हुई कई मौतों को लेकर नोटिस जारी किया। बिहार के सारण जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत होने की मीडिया में आई खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए एनएचआरसी ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले की स्थिति सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों का चिकित्सा उपचार, और पीड़ित परिवारों को मुआवजा, यदि दिया गया हो, आदि का भी विवरण मांगा है।
आयोग ने कहा कि उसने इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी पूछा है। एनएचआरसी ने कहा है कि राज्य के अधिकारियों से जल्द से जल्द प्रतिक्रिया की उम्मीद है, लेकिन इन आदेशों के जारी होने के चार सप्ताह के भीतर होना चाहिए। एनएचआरसी ने कहा, मीडिया रिपोर्टों की सामग्री, अगर सच है, तो मानवाधिकारों के लिए चिंता पैदा करती है। यह घटना राज्य सरकार की अवैध/नकली शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति को लागू करने में विफलता का संकेत देती है।
मरने वालों का आंकड़ा छिपा रही सरकार: सुशील मोदी
उधर, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को सरकार से सवाल करते हुए कहा कि सारण में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो चुकी है, लेकिन राज्य सरकार वास्तविक आंकड़े छिपा रही है। भाजपा नेता ने कहा कि मृतकों के परिवारों को पुलिस धमका रही है, इसलिए लोग दूसरी जगह जाकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि शराब पीने वालों पर परिवार का कोई जोर नहीं चलता। जहरीली शराब से मौत होने पर मुसीबतें परिवार पर टूटती हैं, इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए।
मोदी ने कहा कि जिस तरह नीतीश कुमार व्यवहार कर रहे हैं उससे साफ है कि वे गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और दलित समाज के विरोधी हो गए हैं। उन्हें जहरीली शराब पीकर मरने वाले परिजनों के लिए मुआवजे की मांग को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए।