उत्कर्ष कोचिंग पर पुलिस कार्रवाई : आंदोलन कर रहे छात्रों को पुलिस ने लाठीचार्ज कर खदेड़ा, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष को किया गिरफ्तार

0 18

जयपुर। महेश नगर में उत्कर्ष कोचिंग सेंटर के बाहर छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को खदेड़ा। यह घटना उस समय घटित हुई जब एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ समेत अन्य छात्र-छात्राएं मुख्य सड़क को जाम करने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने मौके पर लाठीचार्ज करके छात्रों को खदेड़ दिया। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की यह कार्रवाई कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए होती है, लेकिन ऐसे मामलों में आम तौर पर संवाद और समझौते की प्रक्रिया अधिक महत्वपूर्ण होती है। छात्रों का विरोध शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक तरीके से जताने का अधिकार है। इस प्रकार की हिंसक प्रतिक्रिया से स्थिति और जटिल हो जाती है और छात्रों की चिंताओं को अवहेलना की तरह देखा जाता है।

पुलिस और ग्रेटर नगर निगम की टीम ने उत्कर्ष कोचिंग को सील कर दिया और यहां से पानी के सैंपल के साथ CCTV फुटेज भी एकत्रित किए। यह कार्रवाई इस घटना के संदर्भ में की गई जब कुछ छात्रों ने बेहोश होने की शिकायत की थी। हालांकि, यह कदम यह दर्शाता है कि जांच प्रक्रिया चल रही है, लेकिन इसे छात्रों की पढ़ाई और करियर पर प्रभाव डालने वाला माना जा सकता है। छात्र इस कार्रवाई से आहत हैं, और उनका मानना है कि इससे उनकी पढ़ाई में विघ्न उत्पन्न हो सकता है।

अशोक गहलोत ने इस घटना को लेकर कोचिंग संस्थानों के संचालन पर चिंता जताई है और प्रताप नगर में कोचिंग हब शिफ्ट करने की बात की है। उनका कहना है कि कोचिंग संस्थानों में इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में गंभीर रूप ले सकती हैं। इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि शिक्षा के व्यवसायीकरण के साथ सुरक्षा और सुविधाओं की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

कोचिंग संस्थान के छात्र इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि इससे उनका करियर संकट में पड़ सकता है। यह भावना यह दिखाती है कि छात्रों के लिए शिक्षा उनके भविष्य के निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और किसी भी प्रकार की विघ्न उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर सकती है।

इस घटनाक्रम में एक तरफ पुलिस की कार्रवाई और निगम का कदम है, तो दूसरी ओर छात्रों का विरोध और उनके करियर की चिंता है। यह दिखाता है कि शिक्षा प्रणाली के भीतर सुरक्षा, प्रशासन और छात्रों के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना जरूरी है। इस मुद्दे पर एक व्यापक और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार की घटनाओं से भविष्य में बचा जा सके और छात्रों को अपनी पढ़ाई में कोई रुकावट न आए।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.