इस्लामाबाद। पाकिस्तान के लाहौर में शुक्रवार देर रात जमकर हंगामा हुआ. दरअसल पुलिस और एंटी करप्शन अधिकारियों ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के केंद्रीय अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही के घर पर छापा मारा. दरवाजा नहीं खुलने पर अधिकारी दीवार फांदकर घर में दाखिल हुए. पुलिस ने बख्तरबंद गाड़ियों से घर का दरवाजा तोड़ दिया.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक छापेमारी के दौरान इलाही के घर से कथित तौर पर पुलिस पर पानी और मिट्टी के तेल से पथराव किया गया. टीम के मुताबिक, वे गुजरांवाला में दर्ज एक मामले के सिलसिले में इलाही को गिरफ्तार करने आए थे.
हालांकि पुलिस इलाही को तो गिरफ्तार नहीं कर पाई लेकिन मीडिया रिपोट्स में कहा जा रहा है कि इलाही के घर से 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से ज्यादार उनके कर्मचारी थी.
एंटी करप्शन टीम, लाहौर पुलिस को साथ लेकर , जहूर उल्लाह रोड पर इलाही के आवास पर पहुंची. इलाही के आवास के बाहर पुलिस की आठ से अधिक कारें और दंगा रोधी बल के कर्मी मौजूद थे. पुलिस ने आसपास के इलाकों को सील कर दिया था और नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी.
एंटी करप्शन विभाग ने कहा कि उसकी गुजरांवाला टीम इलाही को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंची थी. जबकि इलाही की कानूनी टीम ने कहा कि उनकी प्री-अरेस्ट बेल 6 मई तक एक अदालत द्वारा बढ़ा दी गई है.
एंटी करप्शन टीम ने जोर देकर कहा कि एक नए मामले में इलाही की जरूर है और वे पीटीआई नेता को गिरफ्तार किए बिना नहीं छोड़ेंगे.
इलाही के वकीलों ने एंटी करप्शन अधिकारियों को जमानत के बारे में बताया और उन्हें फोन पर अदालत के एक अधिकारी से भी जोड़ा, लेकिन एंटी करप्शन टीम ने जाने से इनकार कर दिया.
ट्विटर पर इलाही के बेटे मूनीस इलाही ने लिखा, ‘पंजाब पुलिस मेरे पिता को उस मामले में गिरफ्तार करने के लिए हमारे आवास पर है, जिसके लिए उन्हें आज जमानत मिली थी. उनकी जमानत की सुनवाई को सभी मीडिया आउटलेट्स ने कवर किया था.‘ उन्होंने ‘प्रधान मंत्री’ इमरान खान के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि देश में कानून का शासन ध्वस्त हो गया है.
पीटीआई ने भी इलाही के घर पर छापे की कड़ी निंदा की और इसे चुनाव को लेकर सरकार के साथ चल रही बातचीत को विफल करने का कदम बताया.
पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने शनिवार आधी रात को ट्वीट किया, ‘परवेज इलाही के घर पर अवैध छापेमारी की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें मौजूद महिलाओं और परिवार के सदस्यों का कोई सम्मान नहीं है.‘
पूर्व पीएम ने लिखा, ‘हम अपनी आंखों के सामने पाकिस्तान में लोकतंत्र को खत्म होता देख रहे हैं. संविधान, सुप्रीम कोर्ट के फैसले या [लोगों] के मौलिक अधिकारों का कोई सम्मान नहीं है – केवल जंगल का कानून है.’