नई दिल्ली. 5 मई को वर्ष 2023 का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है। बता दें कि जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है, तब चंद ग्रहण लगता है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को अशुभ माना गया है। चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल लग जाता है, जिसमें सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। किंतु, इस वर्ष भारत में उपछाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, जिस कारण से यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन चंद्र ग्रहण के दौरान सभी राशियों को और विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किन-किन कार्यों से बचना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र बताया गया है कि चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को धारदार चीजों का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मां और बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
ग्रहण के दौरान तनाव मुक्त रहने के लिए हर समय भगवान का नाम जपते रहना चाहिए। साथ ही मन में नकारात्मक विचार नहीं आने चाहिए। इस दौरान विवाद और तनाव से भी बचना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान सोने से परहेज करना चाहिए। इसलिए इस दौरान विशेष रूप से गर्भवती महिलाएं सोने से परहेज करना चाहिए। माना जाता है कि इसका नकारात्मक प्रभाव बच्चे के मस्तिष्क पर पड़ता है।
ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिलाओं को पवित्र जल से स्नान अवश्य करना चाहिए। इसलिए हो सके तो ग्रहण के बाद पानी गंगाजल या पवित्र जल मिलाकर स्नान करें। ऐसा करने से ग्रहण का दोष मां और शिशु दोनों से हट जाता है।