नई दिल्ली : यमन में मौत की सजा पाने वाली केरल की नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के परिवार के सभी प्रयास विफल हो गए. यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिषा प्रिया की फांसी को मंजूरी दे दी है. मौत की सजा से निमिषा को बचाने के लिए ब्लड मनी देने की कोशिश की गई और राष्ट्रपति से भी माफी मांगी गई, लेकिन इनमें से कोई भी उपाय काम नहीं आया. उल्लेखनीय है कि भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा मिली है.
यमनी रिपोर्ट्स के मुताबिक, यमन के राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद निमिषा प्रिया को अगले एक महीने में फांसी दी जा सकती है. यमन में मौत की सजा पाने वाली निमिषा प्रिया साल 2017 से यमन की जेल में बंद है. हालांकि यमन के राष्ट्रपति का फैसला निमिषा के परिवार के लिए एक बड़ा झटका है. निमिषा का परिवार लंबे समय से अपनी 36 साल की बेटी को मौत की सजा से बचाने की कोशिश में लगा था. वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत सरकार यमन की राजधानी सना की सेंट्रल जेल में बंद नर्स निमिषा प्रिया को हरसंभव सहायता दे रही है.’
केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा अपने पति और बेटी के साथ यमन गई थी, जहां वो नर्स बनकर काम कर रही थी. कई अस्पतालों में नर्स का काम करने के बाद निमिषा ने यमन में अपना क्लीनिक खोल लिया. इसमें निमिषा ने यमनी नागरिक तलाल महदी से मदद ली थी. क्लीनिक से कमाई होने के बाद जब तलाल ने अपना हिस्सा मांगा तो दोनों के बीच बात लड़ाई तक पहुंच गई. 2016 में निमिषा की शिकायत पर तलाल की गिरफ्तारी भी हुई. तलाल के पास निमिषा का पासपोर्ट था, 2017 में अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने तलाल को नशीला इंजेक्शन लगा दिया और ओवरडोज से तलाल की मौत हो गई थी.
तलाल की हत्या के बाद निमिषा प्रिया ने एक दोस्त के साथ मिलकर उसके शरीर के टुकड़े किए और पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया और कोर्ट ने आरोप को सही पाकर निमिषा को फांसी की सजा सुनाई.