37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला का आगाज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया उद्घाटन

0 74

चंडीगढ़/धरणी- हरियाणा के सूरजकुंड में आज 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला-2024 का भव्य आगाज हुआ, जो 18 फरवरी तक चलेगा। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा 37वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्मयंत्री मनोहर लाल सहित कई गणमान्य अतिथियों की गरीमामयी उपस्थिति रही।

मेले के शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रपति ने मेला परिसर में हरियाणा की अपना घर पवेलियन का दौरा किया और हरियाणवी संस्कृति की झलक बिखेर रहे यंत्रों की बारीकी से जानकारी भी ली। राष्ट्रपति ने मेला के थीम स्टेट गुजरात राज्य के स्टॉलों का अवलोकन करते हुए शिल्पकारों से भी संवाद किया। साथ ही मेले के सहभागी देशों व प्रदेशों की सांस्कृतिक विधा को भी देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। परिसर की मुख्य चौपाल के मंच से राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उद्घाटन करने उपरांत राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1987 से हर वर्ष आयोजित किए जा रहे इस मेले के सफल आयोजन के लिए सभी टीमें बधाई की पात्र हैं। उन्होंने इस वर्ष के मेले के आयोजन के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उनकी टीम की प्रशंसा की।

द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि तंजानिया इस वर्ष के मेले का भागीदार देश है। पिछले साल अक्टूबर में तंजानिया की राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन से चर्चा के दौरान दोनों देशों की सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और अधिक विस्तारित करने के महत्व पर सहमति बनी थी। इस मेले में आने वाले आगंतुकों को लकड़ी की नक्काशी, मिट्टी के बर्तन और बुनाई सहित जीवंत और रंगीन तंजानिया कला और शिल्प का अनुभव करने का मौका मिलेगा। यह तंजानियाई नृत्य, संगीत और व्यंजनों को प्रदर्शित करने का एक अद्भुत मंच है, जिसमें हम भारत और पूर्वी अफ्रीकी तट के बीच सदियों से लोगों के बीच संपर्क के कारण कुछ भारतीय प्रभाव की झलक भी देख सकते हैं। इस मेले में भागीदार राष्ट्र के रूप में तंजानिया की भागीदारी अफ्रीकी संघ के साथ भारत की मजबूत भागीदारी को उजागर करती है।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज के दिन को हरियाणा राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिवस बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति से इस मेले की भव्यता में एक नया आयाम जुड़ा है। उनके आगमन से हरियाणा राज्य के लिए भी आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का प्रदेशवासियों की ओर से हरियाणा की धरा पर पधारने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अरावली की पहाडिय़ों की तलहटी में तोमर वंश के राजा सूरजपाल द्वारा बनवाया गया ऐतिहासिक सूरजकुंड रोमन शैली में बना है और उगते सूरज की आकृति का है। उगता सूरज प्रगति का प्रतीक माना जाता है। इस धरा पर पिछले 36 सालों से लगाये जा रहे अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का इस बार विशेष महत्व है, इसका उद्घाटन राष्ट्रपति के कर कमलों से हुआ है। आज सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला हरियाणा की पहचान बन चुका है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.