राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्पित की पुष्पांजलि, बाबा साहब की 135वीं जयंती पर संसद परिसर पहुंचे दिग्गज
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को डॉ. भीमराव आंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कई केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी के नेता मौजूद थे। राष्ट्रपति मुर्मू को भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते और बौद्ध समुदाय के प्रतिनिधियों से उपहार प्राप्त करते देखा गया। इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंबेडकर की विरासत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आंबेडकर के आदर्शों ने ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को मजबूती दी है और गति दी है।
इन नेताओं ने दी अर्पित की पुष्पांजलि
संसद परिसर में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, पीयूष गोयल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा कई अन्य नेता संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि देने के लिए परिसर में भी पुष्पांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति ने देशवासियों को दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि “भारतीय संविधान के शिल्पकार, बाबासाहब भीमराव रामजी आंबेडकर के जन्म दिवस पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने किया नमन
प्रधानमंत्री ने कहा कि “सभी देशवासियों की ओर से मैं भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। उनकी प्रेरणा से ही देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भाव से लगा हुआ है। उनके सिद्धांत और आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को शक्ति और गति देंगे।” बाबा साहब का जन्म मध्य प्रदेश के एक गरीब दलित महार परिवार में हुआ था। उन्होंने समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के समान अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया। वे 1927 से ही अस्पृश्यता के खिलाफ़ सक्रिय आंदोलनों का हिस्सा थे। बाद में, उनके अधिकारों के लिए उनके योगदान के लिए उन्हें ‘दलित आइकन’ के रूप में सम्मानित किया गया।