नई दिल्ली : तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने यूरोपियन यूनियन (EU) से बाहर निकलने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि तुर्की यूरोपियन यूनियन से अलग हो सकता है. इसका मतलब है कि वह यूरोपियन यूनियन में शामिल होने की अपनी कोशिशों को खत्म करने के बारे में सोच रहा है.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 78वीं बैठक के लिए रवाना होने से पहले एर्दोगन ने कहा, ‘यूरोपियन यूनियन तुर्की के साथ संबंध तोड़ने की कोशिश कर रहा है. हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं और जरूरत पड़ी तो हम यूरोपियन यूनियन से अलग हो जाएंगे.’
वह हाल ही में जारी एक रिपोर्ट से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि मौजूदा परिस्थितियों में विलय प्रक्रिया जारी नहीं रह सकती. ऐसे में यूरोपीयन संघ और तुर्की के संबंधों के लिए एक समानांतर और वास्तविक फ्रेमवर्क खोज निकालने का आह्वान किया गया था.
तुर्की ने 1999 में यूरोपियन यूनियन में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था. साल 2005 में उसके आवेदन पर चर्चा शुरू हुई थी. लेकिन 2018 में यूरोपियन यूनियन ने ‘लोकतांत्रिक चूक’ का हवाला देते हुए नेगोसिएशन की बातचीत पर रोक लगा दी थी.
यूरोपियन यूनियन का सदस्य बनने के लिए नेगोसिएशन सबसे अहम स्टेप होता है. इसी में सबसे ज्यादा समय भी लगता है. इसमें यूरोपियन यूनियन और ईयू में शामिल होने वाले देश के बीच नेगोसिएशन होता है. इसमें तय होता है कि जो देश यूरोपियन यूनियन का सदस्य बनना चाहता है, वो संघ के सारे नियम-कायदों का पालन करेगा. इसके साथ ही उन्हें यूरोपियन यूनियन की सारी शर्तें भी माननी होंगी और यूरो को भी अपनाना होगा.
नेगोसिएशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मामला यूरोपियन काउंसिल के पास जाता है. अगर सभी सदस्य देशों की इसमें रजामंदी होती है तो उस देश को यूरोपियन यूनियन की सदस्यता मिल जाती है.
यूरोपियन यूनियन में 27 देश- ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, इटली, लात्विया, लिथुआनिया, लग्जमबर्ग, माल्टा, नीदरलैंड्स, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन शामिल हैं.