मॉस्को: रूस और यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए छह महीने से ऊपर हो चुके हैं। इसके बावजूद दोनों देशों के बीच संघर्षविराम के कोई आसार दिखाई नहीं दे रहे। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शीर्ष सहयोगी और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव, ने दावा किया है कि रूस यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को नहीं रोकेगा। उन्होंने कहा कि भले ही यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की अपनी आकांक्षाओं को औपचारिक रूप से त्याग दिया हो, लेकिन हम मिलिट्री ऑपरेशन नहीं रोक सकते। दिमित्री मेदवेदेव अब रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष हैं। दिमित्री मेदवेदेव पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। 2008 में जब रूस के पुराने संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति लगातार तीन बार राष्ट्रपति नहीं रह सकता था, तब पुतिन ने मेदवेदेव को ही अपनी कुर्सी सौंपी थी।
रूस को नाटो की सदस्यता स्वीकार नहीं
दिमित्री मेदवेदेव ने एक फ्रांसीसी टेलीविजन को दिए इंटरव्यू में बताया कि रूस कुछ शर्तों के साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत करने के लिए तैयार था। फरवरी के आक्रमण से पहले ही, मॉस्को ने स्पष्ट कर दिया था कि नाटो की यूक्रेनी सदस्यता उसे अस्वीकार्य थी। लेकिन यूक्रेन ने तब रूस के अनुरोधों पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया और पश्चिमी देशों के बहकावे में आकर नाटो में शामिल होने की जिद पर अड़ गया। उन्होंने यह भी कहा कि नाटो में यूक्रेन की भागीदारी को त्यागना अब भी महत्वपूर्ण है, लेकिन शांति स्थापित करने के लिए बस इतना ही करना बिलकुल भी पर्याप्त नहीं है।
लक्ष्य जारी रहने तक नहीं रुकेगा रूसी अभियान
उन्होंने कहा कि रूस तब तक अभियान जारी रखेगा जब तक कि उसके लक्ष्य हासिल नहीं हो जाते। पुतिन का कहना है कि वह यूक्रेन को नाजीवाद से मुक्त करना चाहते हैं। वहीं, यूक्रेन और पश्चिमी देशों का दावा है कि यह युद्ध के लिए एक आधारहीन बहाना है। आक्रमण शुरू होने के बाद रूस और यूक्रेन ने कई दौर की बातचीत की, लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। ऐसे में बातचीत के फिर से शुरू होने की बहुत कम संभावनाएं हैं। रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत की मध्यस्थता तुर्की ने की, जिसके दिए गए ड्रोन की वजह से इस युद्ध की शुरुआत हुई थी। दरअसल, तुर्की से खरीदे गए टीबी-2 ड्रोन की मदद से यूक्रेन ने डोनबास में रूस समर्थित विद्रोहियों पर हमले किए थे।
अमेरिकी हथियारों पर मेदवेदेव की चेतावनी
मेदवेदेव ने कहा कि यह (वार्ता) इस बात पर निर्भर करेगा कि उस समय परिस्थिति कैसी होगी। हम (ज़ेलेंस्की) मिलने से पहले तैयार थे। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन को पहले ही आपूर्ति किए गए अमेरिकी हथियार – जैसे कि HIMARS मल्टी-रॉकेट लॉन्चर ने अभी तक एक बड़ा खतरा पैदा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि लेकिन यह बदल सकता है, अगर अमेरिका से भेजे गए हथियार लंबी दूरी पर लक्ष्य को मार सकें। इसका मतलब है कि जब इस तरह की मिसाइल 70 किमी उड़ती है, तो यह एक बात है। लेकिन, जब यह 300-400 किमी तक जाए , तो यह दूसरी बात बन जाएगी। ऐसे में यह सीधे रूसी संघ के क्षेत्र के लिए खतरा होगा।