राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद देश को संबोधित किया, भारत को बताया एकता का प्रतीक

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राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संबोधन में कहा कि भारत की विविधता और लोकतंत्र की जिवंत मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती है राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानी के योगदानों को याद करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की देश को आजादी और गौरव दिलाने की उत्कृष्ट इच्छा देशवासियों को प्रेरणा मिलती है

 

राष्ट्रपति ने कहा, ‘दो दिन पहले, 23 जनवरी को हम सभी देशवासियों ने ‘जय-हिन्द’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है. स्वाधीनता के लिए उनकी ललक और भारत को गौरवशाली बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है. हम अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि हमारे संविधान
का निर्माण करने वाली सभा में उस दौर की सर्वश्रेष्ठ विभूतियों का प्रतिनिधित्व था. वे लोग हमारे महान स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख ध्वज-वाहक थे.’

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, गणतन्त्र दिवस का ये दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है, जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया और उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करते रहने को कहा इस मौके पर राष्ट्रपति ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया. उन्होंने कहा, दो दिन पहले, 23 जनवरी को हम सभी देशवासियों ने ‘जय-हिन्द’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है. स्वाधीनता के लिए उनकी ललक और भारत को गौरवशाली बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है

महात्मा गांधी के शब्दों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी जी हमेशा से मानते थे कि व्यक्ति अपने अंदर देखे और एक बेहतर इंसान बनने की कोशिश करे

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