Pride Month 202:Pride Month आज से शुरु , जानिए क्या होता है और किसलिए मनाया जाता है
Pride Month 2020 : अपने आप में बड़ा महत्व रखता है और ये Month समाज सुधारक महिना है । पूरी दुनिया खासतौर से लैटिन-अमेरिकन देशों में जून को ‘प्राइड मंथ’ के रूप में मनाया जाता है। 2000 में इसी महीने अमेरिका ने LGBTQ को कानूनी अधिकार दिए थे।LGBT प्राइड मंथ… एक ऐसा आयोजन जिसकी शुरुआत तो अमेरिका से हुई मगर अब यह कई देशों में फैल चुका है। पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसे अपना समर्थन दिया था। अमेरिका में अबतक तीन राष्ट्रपतियों ने आधिकारिक रूप से ‘प्राइड मंथ’ की घोषणा की है जिनमें जो बाइडन भी शामिल हैं। ‘प्राइड मंथ’ क्या है? क्यों मनाया जाता है? आज जानते है इसके बारे में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने साल 2000 में पहली बार ‘प्राइड मंथ’ की आधिकारिक घोषणा की। मगर इसकी कहानी पांच दशक से भी पुरानी है। बात 1969 की है। जून के महीने में मैनहट्टन ने स्टोनवॉल इन में पुलिस ने समलैंगिक समुदाय के पर छापेमारी शुरू कर दी। कई समलैंगिक बार में घुसकर पुलिस ने मारपीट की। समलैंगिकों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल में डाल दिया गया। उस समय तक, समलैंगिकों को कानूनी अधिकार नहीं मिले हुए थे। समलैंगिकों ने पुलिस के अत्याचारों का प्रतिकार किया। यह पलटवार एक प्रतीक बन गया जो अगले साल बड़े आंदोलन के रूप में सामने आया।
अब आया 28 जून, 1969 के उस हिंसक दिन की याद में ‘प्राइड मंथ’ मनाते हैं। यह एक तरह से LGBTQ+ समुदाय के उन लोगों की याद का महीना होता है जिन्हें हेट क्राइम या HIV/AIDS के चलते खो दिया गया। पहला प्राइड मार्च स्टोनवॉल की घटना के ठीक एक साल बाद, न्यूयॉर्क सिटी में 28 जून, 1970 को हुआ था।
आपने अक्सर एक रंगीन झंडे को LGBTQ+ से जुड़े इवेंट्स में देखा होगा। यह झंडा गिल्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। वह गे राइट्स ऐक्टिविस्ट और आर्टिस्ट थे। कम्युनिटी से डिमांड हुई कि एक झंडा हो। बेकर सहमत थे, उनका मानना था कि झंडा तो क्रांति का प्रतीक होता है। बेकर के अनुसार, अपने एक दोस्त के साथ डांस करते हुए उन्हें ऐसा झंडा बनाने का खयाल आया। फ्लैग का हर रंग किसी न किसी चीज को जाहिर करता है।
गुलाबी : सेक्ससस
लाल : जिंदगी
नारंगी : इलाज के लिये
पीला : सूरज की रोशनी
हरा : प्रकृति
फ़िरोज़ी : जादू/आर्ट
नीला : शांति
बैंगनी : आत्मा
प्राइड मंथ के दौरान अमेरिका में रंगारंग कार्यक्रम होते हैं। लोग सड़कों पर निकलते हैं। कार्निवाल लगते हैं। इन इवेंट्स में मौज-मस्ती से लेकर LGBTQ+ को लेकर जागरूकता फैलाने पर जोर होता है। प्राइड परेड का भी आयोजन होता है जिसमें फ्लैग के रंगों में रंगे कम्युनिटी मेम्बर्स शान से निकलते हैं।
भारत में भी अब प्राइड मंथ आयोजित किया जाता है। साल 2017 में प्राइड मार्च के दौरान करीब 17000 प्रतिभागी शामिल हुए थे। दिल्ल, मुंबई, बेंगलुरू, भुवनेश्वर, भोपाल, सूरत, हैदाराबाद, चंडीगढ़, ओडिशा, और देहरादून में प्राइड मंथ मनाया जाता है। मार्च परेड भी निकाला जाता है। तो हर तरह के सेक्स को समाज में सम्मान मिलें । और हर कम्युनिटि को समाज मे आजादी से जिये ।
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