प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस पैरालंपिक के लिए भारतीय दल को दीं शुभकामनाएं, खिलाड़ियों में भरा जोश

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नई दिल्ली: पेरिस पैरालंपिक 2024 की शुरूआत जल्द ही पेरिस में शुरू होने जा रही है। जहां भारत के पैरालंपिक खिलाड़ी भी अपना कमाल दिखाने पेरिस पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी पेरिस पैरालंपिक के लिए भारतीय दल को शुभकामनाएं देते हुए सोमवार को कहा कि पूरा देश खिलाड़ियों का समर्थन करेगा क्योंकि वे इस खेल महाकुंभ में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करेंगे।

पैरालंपिक खेलों का आयोजन 28 अगस्त से आठ सितंबर तक होगा। इसमें भारत के रिकॉर्ड 84 खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों के साथ वर्चुअल बातचीत के दौरान पैरालंपिक में पहली बार भाग लेने वाले खिलाड़ियों के साथ-साथ टोक्यो पैरालंपिक के पदक विजेताओं से भी बात की।

140 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद
उन्होंने कहा, ‘‘आपकी यात्रा देश के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी आपके और आपके करियर के लिए। हमारे देश का गौरव इस बात से जुड़ा होगा कि आप सब वहां क्या हासिल करते हैं। पूरा देश आपका समर्थन कर रहा है।”

उन्होंने कहा, ‘‘140 करोड़ भारतीय आपको अपना आशीर्वाद भेज रहे हैं। विजय भव:। जैसा आपने एशियाई पैरा खेलों और टोक्यो पैरालंपिक में किया था, मैं चाहता हूं कि आप सभी पेरिस में नये रिकॉर्ड बनाएं।”

पैरा तीरंदाज शीतल देवी से की बात
उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी भारत के ध्वजवाहक के रूप में पेरिस जा रहे हैं। यह यात्रा आपके जीवन, आपके करियर की बेहद महत्वपूर्ण यात्रा होने जा रही है।” प्रधानमंत्री ने सबसे पहले पैरा-तीरंदाज शीतल देवी से बातचीत की। सत्रह साल की शीतल भारतीय दल की सबसे कम उम्र की सदस्य हैं और वह पहली बार पैरालंपिक खेलों का हिस्सा बनेंगी।

उन्होंने शीतल से कहा, ‘‘दबाव मत लीजिए। जीत या हार के बारे में मत सोचिए। आप बस अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए। पूरा देश आपका समर्थन करेगा।” शीतल ने प्रधानमंत्री को आश्वासन देते हुए कहा, सर, कोई दबाव नहीं है। मेरी तैयारी बहुत अच्छी है। मैं यह सुनिश्चित करना चाहती हूं कि पेरिस में तिरंगा फहराया जाए।

प्रधानमंत्री मोदी ने की लाइव बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस पैरालंपिक 2024 के से पहले पैरालंपिक खिलाड़ियों से लाइव बातचीत की।

राइफल निशानेबाज अवनि देगी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
राइफल निशानेबाज अवनि लेखरा प्रधानमंत्री से बातचीत करने वाली अगली खिलाड़ी थीं। अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक में अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया था। राजस्थान की इस निशानेबाज ने कहा, ‘‘सर, पिछली बार मेरा पहला पैरालंपिक था। मैंने चार स्पर्धाओं में भाग लिया और उससे अनुभव प्राप्त किया। इस चक्र में मैं अपने खेल, तकनीक के मामले में काफी परिपक्व हुई हूं। इस बार भी मेरा लक्ष्य अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।”

उन्होंने कहा, ‘‘टोक्यो खेलों के बाद से मुझे देश से, आपसे जो समर्थन मिला है, उसने मुझे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है। लेकिन इसके साथ एक जिम्मेदारी भी आती है, वहां जाना और अपना सर्वश्रेष्ठ देना।”

प्रधानमंत्री ने अवनि से पूछा कि टोक्यो के बाद से चीजें कैसे बदल गई हैं और आपने खुद को और अधिक गौरव के लिए कैसे प्रेरित रखा। अवनि ने कहा, ‘‘सर, जब मैं पिछले सत्र में भाग ले रही थी एक तरह की बाधा थी कि मैं यह कर पाऊंगी या नहीं। लेकिन फिर जब मैंने दो पदक जीते तो वह बाधा टूट गई।”

रजत को स्वर्ण में बदलेंगे मरियप्पन
ऊंची कूद के खिलाड़ी मरियप्पन थंगावेलु ने कहा कि वह टोक्यो में जीते रजत पदक को पेरिस में स्वर्ण में बदलने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार मैंने 100 प्रतिशत स्वर्ण जीतने का लक्ष्य रखा है।, मैं जर्मनी में प्रशिक्षण ले रहा हूं।” विश्व रिकॉर्डधारी भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने कहा कि वह नीरज चोपड़ा से प्रेरणा लेकर दोहरा ओलंपिक पदक जीतने की कोशिश करेंगे।

उन्होंने अंतिल से कहा, ‘‘सुमित, सोनीपत की धरती अपने आप में बहुत खास है और वहां से विश्व रिकॉर्डधारी एथलीट निकलते हैं। आप पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं।”

मोदी ने ताइक्वांडो एथलीट अरुणा तंवर से उनके सफर में उनके पिता की भूमिका के बारे में पूछा। अरुणा ने कहा, ‘‘सर, परिवार के समर्थन के बिना हम एक सामान्य टूर्नामेंट भी नहीं खेल सकते हैं। मैं अपने दूसरे पैरालंपिक में भाग लेने जा रही हूं। पापा ने शुरू से ही मेरा समर्थन किया है। मेरी मां ने भी मेरा समर्थन किया है।” उन्होंने कहा, ‘‘समाज में लोग हमें अलग नजरिए से देखते हैं कि वह कुछ नहीं कर सकती। लेकिन मेरी मां और पिता ने हमेशा कहा है कि मैं बहुत कुछ कर सकती हूं।”

प्रधानमंत्री तब जानना चाहते थे कि युवा एथलीट खेल और शिक्षा के बीच संतुलन कैसे बना पाते हैं। राजस्थान के भरतपुर के 16 वर्षीय निशानेबाज रुद्रांश खंडेलवाल ने इसका जवाब दिया, ‘‘सर, मैंने इसी साल 12वीं बोर्ड की परीक्षा दी थी और मैं अच्छे अंकों से पास हुआ, मुझे 83 प्रतिशत अंक मिले। उस समय विश्व कप चल रहा था और मैं एक ही समय में दोनों चीजों का प्रबंधन कर रहा था।”

रुद्रांश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि शिक्षा और खेल दोनों जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकि खेल आपके चरित्र का विकास करते हैं और आपको प्रतिदिन बेहतर बनाते हैं।” जवाब से आश्वस्त होकर प्रधानमंत्री ने पूछा कि पिछले साल दिसंबर में पहले खेलो इंडिया पैरा खेलों की मेजबानी से खिलाड़ियों को कैसे मदद मिली। गुजरात के मेहसाणा की टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने कहा कि इससे उन्हें काफी फायदा हुआ है।

खेलो इंडिया का प्रभाव
उन्होंने कहा, ‘‘खेलो इंडिया पहल ने हाल के वर्षों में खेलों के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी वजह से जमीनी स्तर से कई प्रतिभाएं सामने आई हैं। यह पैरा एथलीटों के लिए एक बहुत अच्छा मंच है और इससे उन्हें एक नयी दिशा मिली है।”

भाविना ने कहा, ‘‘पेरिस पैरालंपिक में खेलो इंडिया से 16 खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है।” मोदी ने खिलाड़ियों से पूछा कि वे टूर्नामेंट के दौरान लगी चोटों से कैसे उबरते हैं।हिसार के बैडमिंटन खिलाड़ी तरुण ढिल्लों ने अपना उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘ सर, 2022 में कनाडा इंटरनेशनल टूर्नामेंट के दौरान एक मैच में मेरे लिगामेंट में चोट लग गई थी। यह किसी बैडमिंटन खिलाड़ी के लिए गंभीर चोट है।”

उन्होंने कहा, ‘‘सर, मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैं टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) में शामिल हूं। जिसके कारण साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) अधिकारियों और उनकी टीम ने मेरी बहुत मदद की है। मुझे एक विशेष अनुरोध पर बिजनेस क्लास में वहां से भारत लाया गया, और मुंबई में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक, डॉ. दिनशॉ (पारदीवाला) ने मेरा ऑपरेशन किया।”

प्रधानमंत्री ने इस बातचीत के दौरान कहा कि पेरिस के खेल गांव में सभी भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक विशेष रिकवरी सेंटर बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि यह रिकवरी सेंटर भी आप सभी के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।”

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