मणिपुर हिंसा पर लोकतंत्र के मंदिर संसद में बोलना नहीं चाहते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : मल्लिकार्जुन खड़गे

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नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि (Criticizing that) वह मणिपुर हिंसा पर संसद में बोलना नहीं चाहते, जो लोकतंत्र का मंदिर है। उनके पास देश भर में राजनीतिक भाषण देने के लिए पर्याप्त समय है जो “लोकतंत्र को खराब” कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जो सरकार मणिपुर के लोगों की पुकार नहीं सुनती, वह मानवता पर कलंक है।

खड़गे ने एक ट्वीट में कहा, “मणिपुर का जलना देश के लिए एक काला अध्याय है। जिस सरकार ने पिछले 85 दिनों से मणिपुर के लोगों की चीख-पुकार पर ध्यान नहीं दिया, वह मानवता पर कलंक है। संसद सत्र चल रहा है और प्रधानमंत्री सदन में बोलने के बजाय जगह-जगह जाकर भाषण दे रहे हैं, यह लोकतंत्र को कलंकित कर रहा है।”

उन्होंने कहा, विपक्ष को गाली देकर, मोदी सरकार के कुकर्मों को मिटाया नहीं जा सकता। केवल दलित, जनजाति और पिछड़े विरोधी लोग ही काले कपड़ों का मजाक उड़ा सकते हैं, लेकिन हमारे लिए काला रंग विरोध और ताकत का प्रतीक है। काला रंग न्याय का प्रतीक है और सम्मान का प्रतीक है। मणिपुर के लोग न्याय, शांति और सम्मान के पात्र हैं।”

उन्होंने कहा, “भाजपा मणिपुर के जीवन को अंधकार में धकेलकर, तानाशाही रवैया अपनाकर, मुद्दे से ध्यान भटकाकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती। संसद के इतिहास में इससे बुरा दौर कभी नहीं आया।” उन्होंने मीडिया को दिए अपने बयान का वीडियो भी संलग्न किया। कांग्रेस और विपक्षी दल संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री से मणिपुर की स्थिति पर बयान देने और पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहे हैं।

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