नई दिल्ली. केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को यहां ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में 15 दिवसीय “आदि महोत्सव” का उद्घाटन करेंगे। मुंडा ने कहा कि देश भर से आदिवासी कारीगरों को मोटे अनाज से व्यंजन बनाने की विधि प्रदर्शित करने और मोटे अनाज संबंधी उत्पाद बेचने के लिए आमंत्रित किया गया है।
मोटे अनाज आदिवासी समुदायों के आहार का एक अभिन्न हिस्सा हैं और भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष’ घोषित किया है।गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाली मंत्रालय की झांकी भी प्रदर्शित की जाएगी। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत एक संगठन ‘ट्राइफेड’ आदिवासी शिल्पकारों और महिलाओं को सीधे बाजार पहुंच प्रदान करने के लिए “आदि महोत्सव” आयोजित करता है।
इस उत्सव में जनजातीय हस्तशिल्प, हथकरघा, चित्रकारी, आभूषण, बेंत और बांस, मिट्टी के बर्तन, भोजन और प्राकृतिक उत्पाद, उपहार और वर्गीकरण, जनजातीय व्यंजन और 200 स्टालों के माध्यम से इसे प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी-सह-बिक्री की सुविधा होगी।
महोत्सव में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 500 आदिवासी कारीगर और कलाकार भाग लेंगे। इनमें 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आदिवासी रसोइए शामिल हैं, जिनके लिए 20 ‘फूड स्टॉल’ लगाए जा रहे हैं।